भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में नदियों से वैज्ञानिक तरीके से खनन होगा, खनन नीति को बदला जाएगा और रेत को बेचने का काम खनिज निगम करेगी। मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को नर्मदा सेवा मिशन के पौधारोपण में जनभागीदारी के लिए पंजीयन वेबसाइट की शुरुआत के मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, "पर्यावरण और विकास में संतुलन जरूरी है। निर्माण के लिए रेत के साथ नदियों का अस्तित्व भी जरूरी है। नदियों से जितना सिल्ट उठाना आवश्यक है, उतना ही उत्खनन हो। ऐसे प्रबंध किए जाएंगे।"
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उन्होंने कहा कि नदियों में मशीनों से किए जाने वाले रेत उत्खनन को पूरी तरह से बंद किया गया है। उत्खनन पर खनिज निगम का नियंत्रण होगा। वही उसका मूल्य भी निर्धारित करेगा ताकि गरीबों को मकान बनाने के लिए सस्ती दर पर रेत आसानी से उपलब्ध हो सके।
ठेके से रेत उत्खनन व्यवस्था को बदला जाएगा। उत्खनन कार्य मजदूरों से कराया जाएगा। महिलाओं और युवाओं के स्वसहायता समूह ही उत्खनन करेंगे, जिनको खनिज निगम रेत के विपणन से होने वाला लाभांश को बोनस के रूप में दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन के तहत हर वर्ष वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा। आगामी दो जुलाई को नर्मदा के तट और संपूर्ण कैचमेंट एरिया में वृक्षारोपण किया जाएगा। वन, राजस्व भूमि में वन प्रजाति और निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। पेड़ों को जिंदा रखने के सभी जरूरी कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर मल-जल को नर्मदा की विपरीत दिशा में ले जाया जाएगा। उसे रि-सायकल कर बागानों, खेतों आदि में छोड़ा जाएगा। धर्म-प्रमुखों ने पूजन-विधि भी बदली है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा अभियान को अन्य नदियों पर भी लागू किया जाएगा। इसे पर्यावरण के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान जनता का है, उसे ही आगे रहना होगा। अभियान में सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ प्रथम स्वयं सेवक के तौर पर 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्लयू डॉट नमामिदेवीनर्मदे डॉट जीओवी डॉट इन' पर अपना पंजीयन कराया। इस मौके पर वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार भी उपस्थित रहे।