AIIMS Created History: पहली बार बिना बेहोश ब्रेन सर्जरी, पांच साल की बच्ची के सिर से निकाला ट्यूमर

AIIMS Created History: दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने बड़ी सफलता हासिल की है। डाक्टरों का दावा है कि मेडिकल इतिहास में दुनिया का ऐसा यह पहला मामला है, जिसमें बिना बेहोश किए पांच साल की बच्ची की सर्जरी हुई। सात डॉक्टरों की टीम ने करीब चार घंटे तक सर्जरी की। इस दौरान बच्ची को बहलाए रखा।

Update: 2024-01-06 16:53 GMT

एम्स के डाक्टर्स पहली बार बिना बेहोश ब्रेन सर्जरी, पांच साल की बच्ची के सिर से निकाला ट्यूमर: Photo- Social Media

AIIMS Created History: दिल्ली एम्स के डाक्टर्स ने बिना बेहोश किए ब्रेन की सर्जरी कर इतिहास रच दिया। चार घंटे तक चले इस मिशन को सात डाक्टर्स की टीम ने अंजाम दिया। उम्र पांच साल दस महीने। मासूम बच्ची कभी हाथों के इशारों पर हंसती, तो कभी खेलती रही। इस दौरान सर्जरी टेबल पर बच्ची के चार घंटे कब निकल गए, उसे पता भी नहीं चला। सबसे बड़ी बात यह रही कि डॉक्टरों ने बिना बेहोश किए ही बच्ची की सर्जरी कर सिर से ट्यूमर निकाला। इस तरह का यह अपने आप में अनोखा मामला है। बता दें अभी तक बच्चों की सर्जरी बेहोश कर के ही की जाती थी। यह पहली बार है जब किसी बच्ची को एम्स में बिना बेहोश किए ही सर्जरी की गई है।

मेडिकल हिस्ट्री का यह पहला

विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व के मेडिकल हिस्ट्री में यह पहला मामला है जब इतनी कम उम्र के बच्चे का बिना बेहोश किए सर्जरी किया गया। बच्चों की सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण होती है। इनमें विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।

दरअसल यूपी के प्रयागराज से जनवरी के पहले सप्ताह में 5 साल 10 महीने की एक बच्ची एम्स में आई। बच्ची को सिर में दर्द, उल्टी सहित अन्य परेशानियां थीं। समय-समय पर उसे दौरे भी आ रहा था। जांच के दौरान पता चला कि बच्ची के सिर में ट्यूमर है। करीब दो साल पहले भी इस ट्यूमर को हटाने के लिए एक सर्जरी हो चुकी है।

बनाई गई डाक्टरों की टीम जिसने कर दिया कमाल

दो साल पहले हुई सर्जरी के बाद ट्यूमर का कुछ हिस्सा सिर में रह गया था जिसे निकालना जरूरी था। बच्ची की हालत को देखते हुए एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ मिहिर पांड्या सहित सात डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई। इस टीम ने पूरे मामले गहनता से जांच की और इसको लेकर रणनीति तैयार की और निर्णय लिया कि बच्ची को बिना बेहोश किए सर्जरी की जाएगी। यह निर्णय काफी चुनौती भरा था।

चार घंटे चली सर्जरी

डॉक्टर मिहिर पांड्या बताते हैं कि चार जनवरी को सात डॉक्टरों के साथ अन्य स्टाफ को भी इस सर्जरी में शामिल किया गया। टीम के कुछ सदस्यों ने बच्ची की निगरानी की जबकि अन्य सदस्यों ने सर्जरी शुरू की। सबसे पहले बच्ची के सिर में 16 इंजेक्शन लगाए गए। उसके बाद निरीक्षण किया गया, जब उसका सिर पूरी तरह से सुन हो गया तो डॉक्टरों ने सर्जरी शुरू की। करीब चार घंटे तक चली सर्जरी के बाद डाक्टरों ने बच्ची के सिर से पूरी तरह से ट्यूमर को निकाल दिया। बड़ी बात ये रही की बच्ची को टीम ने ऐसे इंगेज कर रखा था कि वह पूरे सर्जरी के दौरान मुस्कुरा रही थी। उसे कई बार फोन में वीडियो और फोटो भी दिखाए गए। यही नहीं उसने डॉक्टरों के कहने पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी। सर्जरी के बाद अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ्य है और जल्द ही उसे छुट्टी भी दी जा सकती है।

बच्ची को था यह ट्यूमर

बच्ची को लेफ्ट पेरिसिल्वियन इंट्राक्सियल ब्रेन ट्यूमर था। डॉक्टरों का कहना है कि यह किसी को भी हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर होने पर सिर में दर्द, उल्टी आना, चलने, हाथ उठाने में दिक्कत होना, दौरा पड़ना जैसे लक्षण दिखते हैं। यदि किसी में ऐसा होता है तो तत्काल डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। इस मामले में भी बच्ची में यह सभी लक्षण दिखे थे। लक्षण दिखने के बाद जांच कराई गई। करीब दो साल पहले ट्यूमर को हटाने के लिए एक सर्जरी भी हुई।

काफी चुनौती भरा था

डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की उम्र काफी कम थी इससे उसके सिर की सर्जरी काफी चुनौती भरा मामला रहा। एक छोटी सी गलती बच्ची की जान ले सकती थी। यही कारण रहा कि सर्जरी के दौरान डॉक्टरों की टीम ने एक-एक पल की निगरानी करती रही। सर्जरी के दौरान बच्ची के शरीर में होने वाले बदलाव व हरकत पर नजर रखी गई। इस सर्जरी में यह अच्छा रहा कि इस दौरान कभी भी ऐसा नहीं हुआ जब बच्ची के व्यवहार में कोई बदलाव दिखा हो।

डाक्टरों की यह बड़ी उपलब्धि है। एम्स के डाक्टरों ने ऐसा कर दिखाया जो दुनिया में इससे पहले कभी नहीं हुआ था।

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