नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को गोवा के 88 खनन पट्टों को रद्द कर दिया। इन पट्टों को खान व खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम के तहत खनन पट्टों के लिए नीलामी अनिवार्य किए जाने से ठीक पहले राज्य सरकार ने 2015 में नवीनीकृत किया था।
साल 2007 से 20 साल के लिए नवीनीकृत किए गए पट्टों को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने कहा कि गोवा सरकार कानून के अनुसार नए सिरे से आवेदनों की जांच करेगी।
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खनन पट्टों के नवीनीकरण में की गई जल्दबाजी व अनियमितता को देखते हुए अदालत ने कहा कि लोहा व मैंगनीज खदानों सहित सभी खनन गतिविधि पर गोवा में 15 मार्च तक रोक रहेगी।
अदालत का यह फैसला एक गैरसरकारी संगठन गोवा फाउंडेशन की याचिका पर आया है। इस याचिका में राज्य सरकार द्वारा खनन पट्टों के नवीनीकरण को चुनौती दी गई थी।