चीन और नेपाल सीमा विवाद पर भारतीय सेना प्रमुख ने कही ये बड़ी बात
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत का दौर जारी है। दोनों देशों के बीच लद्दाख में जारी गतिरोध का मामला सुलझने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
देहरादून: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत का दौर जारी है। दोनों देशों के बीच लद्दाख में जारी गतिरोध का मामला सुलझने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस बीच भारतीय थल सेना के प्रमुख एमएम नरवणे का शनिवार को बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के जरिए मतभेद सुलझाने में कोशिशें कर रहा है।
दोनों मुल्कों की सीमा पर स्थितियां पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। उन्होंने नेपाल मसले पर कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत भौगोलिक सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध हैं, जो आगे भी बरकरार रहेंगे।
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भारत-चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में
नरवणे शनिवार को देहरादूम में आईएमए के पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने उत्तराखंड पहुंचे थे।
ऐसे में शनिवार को थलसेना प्रमुख ने स्थिति के नियंत्रण में होने का आश्वासन दिया।
नरवणे ने कहा कि इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी समान रैंक के कमांडर्स के बीच बातचीत के जरिए गतिरोध को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
नरवणे ने कहा, 'मैं सभी को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि चीन के साथ लगी हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हम चीन से कमांडर लेवल की लगाता बातचीत कर रहे हैं।'
बताते चलें कि बीते दिनों लद्दाख में भारत-चीन की सीमा पर चीनी सैनिकों के आक्रामक रुख अपनाने से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था।
मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा जा रहा था। चीन के साथ विवाद को लेकर देश भर में भय का माहौल था।
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नेपाल पर बोले सेना प्रमुख
मालूम हो कि कि लिपुलेख, कालापानी को नेपाली नक्शे में दिखाए जाने को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गए थे।
यहीं नहीं हाल ही में भारत नेपाल सीमा पर पुलिस फायरिंग में शख्स की मौत को लेकर भी दोनों देशों के बीच संबंधों के तल्ख हो जाने को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। ऐसा अंदेशा है कि चीन की शह पर नेपाल भारत के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
उन्होंने कहा, 'नेपाल के साथ हमारे संबंध बहुत मजबूत हैं।
हम भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक कड़ी से एक-दूसरे से बंधे हैं। हम लोगों के लोगों से मजबूत संबंधों के द्वारा जुड़े हैं। ऐसे में हमारा उनके साथ (नेपाल के साथ) संबंध हमेशा मजबूत रहा है और आगे भी मजबूत रहेगा।'
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