G20 Chairmanship: भारत की G20 की अध्यक्षता पारी कल से शुरू, PM मोदी- हमें लालच और टकराव से बचना चाहिए

PM Modi G20 Chairmanship: भारत इस वर्ष जी20 देशों की अध्यक्षता करेगा। इसका ऐलान पहले ही हो चुका है। पीएम ने इस मौके पर भविष्य को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही।

Written By :  aman
Update:2022-11-30 16:33 IST

PM मोदी (Social Media)

PM Modi G20 Chairmanship: भारत इस वर्ष जी20 देशों की अध्यक्षता करेगा। इसका ऐलान पहले ही हो चुका है। भारत ने गुरुवार (01 दिसंबर) को औपचारिक तौर पर जी20 की अध्यक्षता ग्रहण कर रहा है। उससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जी20 की पिछली 17 अध्यक्षताओं के दौरान वृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने तथा अंतरराष्ट्रीय कराधान को तर्कसंगत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम किए गए। इससे विभिन्न देशों के सिर से कर्ज के बोझ को कम करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे तथा यहां से और आगे की ओर बढ़ेंगे।'

पीएम मोदी ने कहा, 'अब जबकि भारत ने इस महत्वपूर्ण पद को ग्रहण किया, मैं अपने आपसे यह पूछता हूं कि क्या G20 अभी भी और आगे बढ़ सकता है? क्या हम समग्र मानवता के कल्याण के लिए मानसिकता में मूलभूत बदलाव को उत्प्रेरित कर सकते हैं? मेरा विश्वास है कि हम ऐसा कर सकते हैं।'

'पूरे इतिहास के दौरान, मानवता अभाव में रही'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, 'हमारी परिस्थितियां ही हमारी मानसिकता को आकार देती हैं। पूरे इतिहास के दौरान, मानवता अभाव में रही। हम सीमित संसाधनों के लिए लड़े, क्योंकि हमारा अस्तित्व दूसरों को उन संसाधनों से वंचित कर देने पर निर्भर था। विभिन्न विचारों, विचारधाराओं और पहचानों के बीच, टकराव और प्रतिस्पर्धा आदर्श बन गए।' उन्होंने आगे कहा, दुर्भाग्य से, हम आज भी उसी शून्य-योग की मानसिकता में अटके हुए हैं। हम इसे तब देखते हैं जब विभिन्न देश क्षेत्र या संसाधनों के लिए आपस में लड़ते हैं। हम इसे तब देखते हैं जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाया जाता है। हम इसे तब देखते हैं जब कुछ लोगों द्वारा टीकों की जमाखोरी की जाती है, भले ही अरबों लोग बीमारियों से असुरक्षित हों।'

PM मोदी- टकराव और लालच मानवीय स्वभाव

प्रधानमंत्री ने कहा, 'कुछ लोग ये तर्क दे सकते हैं कि टकराव और लालच मानवीय स्वभाव है। मैं इससे असहमत हूं। अगर मनुष्य स्वाभाविक रूप से स्वार्थी है, तो हम सभी में मूलभूत एकात्मता की हिमायत करने वाली इतनी सारी आध्यात्मिक परंपराओं के स्थायी आकर्षण को कैसे समझा जाए? उन्होंने कहा, भारत में प्रचलित ऐसी ही एक परंपरा है जो सभी जीवित प्राणियों और यहां तक कि निर्जीव चीजों को भी एक समान ही पांच मूल तत्वों- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश के पंचतत्व से बना हुआ मानती है। इन तत्वों का सामंजस्य हमारे भीतर और हमारे बीच भी- हमारे भौतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण के लिए आवश्यक है।'

G20 की थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य'

पीएम मोदी ने G20 की अध्यक्षता के संबंध में कहा, 'भारत की जी-20 की अध्यक्षता दुनिया में एकता की इस सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने की ओर काम करेगी। इसलिए हमारी थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' है। ये सिर्फ एक नारा नहीं है। ये मानवीय परिस्थितियों में उन हालिया बदलावों को ध्यान में रखता है, जिनकी सराहना करने में हम सामूहिक रूप से विफल रहे हैं।'

'हमें अपने अस्तित्व के लिए लड़ने की जरूरत नहीं'

पीएम मोदी ने कहा, 'आज हमारे पास दुनिया के सभी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त उत्पादन करने के साधन हैं। आज, हमें अपने अस्तित्व के लिए लड़ने की जरूरत नहीं है। हमारे युग को युद्ध का युग होने की जरूरत नहीं है। ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, आज हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके ही निकाला जा सकता है।'

PM मोदी- भारत इस सकल विश्व का सूक्ष्म जगत है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'सौभाग्य से आज की जो तकनीक है, वह हमें मानवता के व्यापक पैमाने पर समस्याओं का समाधान करने का साधन भी प्रदान करती है। आज हम जिस विशाल वर्चुअल दुनिया (virtual world) में रहते हैं, वह डिजिटल प्रौद्योगिकियों (Digital Technologies) की मापनीयता को प्रदर्शित करती है।' उन्होंने कहा, भारत इस सकल विश्व का सूक्ष्म जगत है। जहां विश्व की आबादी का 6वां हिस्सा रहता है। जहां भाषाओं, धर्मों, रीति-रिवाजों और विश्वास की विशाल विविधता है। पीएम मोदी बोले, सामूहिक निर्णय लेने की सबसे पुरानी ज्ञात परंपराओं वाली सभ्यता होने के नाते भारत दुनिया में लोकतंत्र के मूलभूत डीएनए में योगदान देता है। लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की राष्ट्रीय सहमति किसी फरमान से नहीं, बल्कि करोड़ों स्वतंत्र आवाजों को एक सुरीले स्वर में मिला कर बनाई गई है।'

'भारत सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था'

प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारे प्रतिभाशाली युवाओं की रचनात्मक प्रतिभा का पोषण करते हुए, हमारा नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल एकदम हाशिए पर पड़े नागरिकों का भी ख्याल रखता है। हमने राष्ट्रीय विकास को ऊपर से नीचे की ओर के शासन की कवायद नहीं, बल्कि एक नागरिक-नेतृत्व वाला 'जन आंदोलन' बनाने की कोशिश की है।' उन्होंने कहा, हमने ऐसी डिजिटल जन उपयोगिताएं निर्मित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है जो खुली, समावेशी और अंतर-संचालनीय हैं। इनके कारण सामाजिक सुरक्षा, वित्तीय समावेशन और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान जैसे विविध क्षेत्रों में क्रांतिकारी प्रगति हुई है। इन सभी कारणों से भारत के अनुभव संभावित वैश्विक समाधानों के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं।'

'एक पृथ्वी' हमारी प्राथमिकताएं  

पीएम मोदी बोले, 'G20 अध्यक्षता के दौरान हम भारत के अनुभव, ज्ञान और प्रारूप को दूसरों के लिए, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए एक संभावित टेम्प्लेट के रूप में प्रस्तुत करेंगे। हमारी जी20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी20 भागीदारों, बल्कि वैश्विक दक्षिण में हमारे साथ-चलने वाले देशों, जिनकी बातें अक्सर अनसुनी कर दी जाती है, के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा। हमारी प्राथमिकताएं हमारी 'एक पृथ्वी' को संरक्षित करने, हमारे 'एक परिवार' में सद्भाव पैदा करने और हमारे 'एक भविष्य' को आशान्वित करने पर केंद्रित होंगी। अपने प्लेनेट को पोषित करने के लिए, हम भारत की प्रकृति की देख-भाल करने की परंपरा के आधार पर स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल जीवन शैली को प्रोत्साहित करेंगे।'

'आइए हम एकजुट हों' 

प्रधानमंत्री मोदी बोले, 'मानव परिवार के भीतर सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए हम खाद्य, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति को गैर-राजनीतिक बनाने की कोशिश करेंगे, ताकि भू-राजनीतिक तनाव मानवीय संकट का कारण न बनें। जैसा हमारे अपने परिवारों में होता है, जिनकी जरूरतें सबसे ज्यादा होती हैं, हमें उनकी चिंता सबसे पहले करनी चाहिए। हमारी आने वाली पीढ़ियों में उम्मीद जगाने के लिए हम, बड़े पैमाने पर विनाश के हथियारों से पैदा होने वाली जोखिमों को कम करने और वैश्विक सुरक्षा बढ़ाने पर सर्वाधिक शक्तिशाली देशों के बीच एक ईमानदार बातचीत को प्रोत्साहन प्रदान करेंगे। भारत का जी20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक होगा।' उन्होंने आगे कहा, आइए हम भारत की जी20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट हों। आइए हम मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के एक नए प्रतिमान को स्वरूप देने के लिए साथ मिलकर काम करें।

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