आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं जेट एयरवेज के कर्मचारी, कीमती सामान बेचने को हुए मजबूर

जेट एयरवेज की सेवाएं बंद होने के बाद से 23 हजार कर्मचारियों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। 3 महीने की सैलरी बकाया होने से कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। उनके लिए इलाज और घर का खर्च चलाने में अब मुश्किलें आने लगी है।

Update: 2019-04-21 04:59 GMT

नई दिल्ली: जेट एयरवेज की सेवाएं बंद होने के बाद से 23 हजार कर्मचारियों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। 3 महीने की सैलरी बकाया होने से कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। उनके लिए इलाज और घर का खर्च चलाने में अब मुश्किलें आने लगी है।

ऐसे में वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट के कर्मचारी अपने जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना कीमती सामान बेचने को मजबूर हैं। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक जेट एयरवेज का एक एक पायलट अपनी अपनी रेसिंग बाइक तक बेचने को मजबूर हो गया है।

जिन तकनीकी कर्मियों का तबादला दूसरे शहरों में हो चुका है, उनको अपने परिवारों से मिलने के लिए ट्रेनों से यात्रा करनी पड़ रही है, क्योंकि उनकी यात्रा के लिए कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है। जिनको पैसों की सख्त जरूरत है, वे नजदीकियों के व्हाट्सएप ग्रुपों को एसएमएस भेज रहे हैं और अपने सामाजिक पूंजी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिए हैं।

नेशनल एविएटर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष कैप्टन असीम वालियानी ने कहा, "मुझे आज सुबह एक साथी पायलट का फोन आया, जिन्होंने अपनी महंगी बाइक बेचने का फैसला किया है. अनेक लोगों को रोजमर्रा के खर्च चलाने में कठिनाई होने लगी है।"

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इलाज कराने में भी दिक्कत

करीब 15 साल से जेट एयरवेज से जुड़े रहे एक सीनियर इंजीनियर ने कहा कहा कि उनके कई सहकर्मी गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने एक सहकर्मी का जिक्र किया, जिन्होंने अपने कई सहकर्मियों से पिछले सप्ताह अपनी बहन की शादी के लिए पैसों की व्यवस्था करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, "पिछले महीने हमने एक सहकर्मी के बेटे के इलाज के लिए पैसे जमा किए। लाखों रुपये का बिल होने के बाद भी लड़के को बचाया नहीं जा सका।"

एक अन्य कर्मी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एयरलाइन द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के बारे में बताया कि इंजीनियरिंग विभाग के उनके एक सहकर्मी का तबादला मुंबई से दिल्ली हो गया है, लेकिन वेतन में देरी होने की वजह से वह किराया चुकाने में असमर्थ है।

अधिकारी ने कहा, "वह कोई उड़ान नहीं पकड़ सकता है, क्योंकि उड़ान उपलब्ध नहीं है. यहां तक कि ट्रेन का टिकट भी उपलब्ध नहीं है. काफी मुश्किल हालात बन गए हैं।"

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राष्ट्रपति कोविंद और पीएम से की मदद की मांग

अस्थाई रूप से बंद जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन और एयरलाइन को इमरजेंसी फंडिंग दिलाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दखल की मांग की है।

कर्मचारियों के दो संगठनों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जेट के कर्मचारियों की 3 महीने की सैलरी बकाया है। एयरलाइन का संचालन बंद होने से उनका करियर भी संकट में है।

कर्मचारियों ने जेटली से की मुलाकात

जरूरी फंड नहीं मिल पाने के कारण इस समय जेट एयरवेज भारी संकट से जूझ रही हैं। एयरवेज ने क्रैश हो रही उनकी फ्लाइट को बचाने के लिए सरकार से भी दरख्वास्त की है।

परेशान कर्मचारियों की दुख भरी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है, जहां इस बीच जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से उनके आवास पर मुलाकात की है।

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