संकट में कमलनाथ सरकार, कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा
मध्य प्रदेश की सियासत में जारी घमासान के बीच कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। वह सुवासरा से विधायक हैं।
मध्य प्रदेश की सियासत में जारी घमासान के बीच कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। वह सुवासरा से विधायक हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कमलनाथ और विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति को भेज दिया है। इस इस्तीफे में उन्होंने अपनी कई परेशानियों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि मंत्रियों और खासकर सीएम की ओर से उपेक्षा से परेशान होकर वे ये कदम उठा रहे हैं। इससे पहले विधायक हरदीप सिंह डंग पर कांग्रेस की ओर से बीजेपी के नेताओं से संपर्क रखने का आरोप लगाया गया था।
मुख्यमंत्री और साथी विधायकों पर लगाए आरोप
कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री कमलनाथ और विधानसभा अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में सरकार के मंत्रियों की उपेक्षा को लेकर अपनी पीड़ा जताई है। डंग ने लिखा है, 'जब से सरकार बनी है तब से आज तक आपके (मुख्यमंत्री जी) एवं मंत्रियों द्वारा लगातार मेरी उपेक्षा विधानसभा एवं संसदीय क्षेत्र में की जा रही है। वर्तमान में जितने भी मंत्री हैं, उनमें से कोई भी मेरे कार्य करने को तैयार नहीं है और दलालों एवं भ्रष्टाचारियों के छोटे से लेकर बड़े से बड़े काम किए जा रहे हैं।'
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हरदीप सिंह डंग ने अपने इस्तीफे में यह भी लिखा है कि वे किसी 'गुट' के नहीं हैं, इसलिए उनकी उपेक्षा की जा रही है। डंग ने इस्तीफे में लिखा है, 'मैं मानता हूं कि मैं एक छोटा व्यक्ति हूं। मेरी गलती रही कि मैं न तो कमलनाथ जी, न ही दिग्विजय सिंह जी, न ही सिंधिया जी के गुट का हूं। मैं सिर्फ कांग्रेस का रहा हूं। इसलिए मुझे इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस के पास बचे 113 विधायक
ऐसे में मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 113 विधायक बचे हैं, बीजेपी के पास 107 एमएलए है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में फिलहाल दो सदस्यों के निधन से संख्या 228 है। इसमें कांग्रेस को दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन एक निर्दलीय भी गायब है।
ऐसी परिस्थिति में बीजेपी को चुटकी लेने का मौका मिल गया है। बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इनको सोचना चाहिए, चले कैसे जाते हैं। इतनी नाराजगी भी क्या कि इनके साथ कोई रहना नहीं चाहता।
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सूत्रों के मुताबिक इस पूरे ऑपरेशन को ऑपरेशन होली का नाम दिया गया। सूत्र ये भी कह रहे हैं खतरा खत्म नहीं हुआ, फिलहाल टला है।