दिल्ली में मजदूरों की बल्ले-बल्ले: केजरीवाल सरकार ने बढ़ाया न्यूनतम वेतन, यहां देखें पूरी अपडेट

Laborers Wage in Delhi: दिल्ली सरकार ने मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। न्यूनतम वेतन की नई दरें 1 अप्रैल 2022 से ही प्रभावी होगा।

Update:2022-05-20 20:09 IST

Kejriwal government increased minimum wage of laborers in Delhi (Social media)

Laborers Wage in Delhi: देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मजदूरों के लिए एक बड़ा राहत भरा ऐलान किया है। दिल्ली सरकार ने मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। न्यूनतम वेतन की नई दरें 1 अप्रैल 2022 से ही प्रभावी होगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बाबत ऐलान किया है।

मजदूरों को दिल्ली सरकार का तोहफा

दिल्ली सरकार के इस ऐलान के बाद अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 16,064 से बढ़कर 16,506, अर्ध – कुशल श्रमिकों का वेतन 17,693 से बढ़कर 18,187, कुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 19473 रुपये से बढ़ाकर 20019 रूपया हो गया है। इसी कड़ी में सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाई गई है। इनमें गैर मैट्रिक मासिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17693 से बढ़ाकर 18187 रूपये, मैट्रिक मगर गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19473 से बढ़ाकर 20019 रूपये तथा स्नातक और इससे अधिक योग्यता रखने वाले मजदूरों का मासिक वेतन 21184 से बढ़ाकर 21756 कर दिया गया है।

दिल्ली सबसे अधिक न्यूनतम वेतन देने वाला राज्य

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के डिप्टी मनीष सिसोदिया ने इस मौके पर कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार राज्य के सभी मजदूरों को राहत देने के लिए हर छह माह में महंगाई भत्ते में इजाफा करते रहती है। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे मजदूरों के महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें केवल न्यूनतम मजदूरी ही मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ता जोड़कर नया न्यूनतक वेतन देने का ऐलान किया है।

मंजदूरों को मिलेगी राहत

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने देश में महंगाई की विकराल स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पहले से ही कोरोना की मार झेल रही जनता को महंगाई के रूप में दोहरा झटका लगा है। दाल और आटा जैसी रोजाना उपभोग की चीजें भी महंगी हो चुकी हैं। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से मजदूर भाईयों को सहायता मिलेगी।

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