पोस्टमॉर्टम का ये राज नहीं जानते होंगे आप, इसलिए नहीं होता रात में

पोस्टमॉर्टम जिसमे मरने के बाद इंसान की डेड बॉडी की पूरी जांच की जाती है। वहीँ इस पोस्टमॉर्टम को देख पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। इसे देखने के लिए जिगर चाहिए होता है। लेकिन आज आपको हम बताने वाले हैं पोस्टमॉर्टम से जुड़े ऐसे खास राज के बारे में जो आज तक शायद ही किसी को पता होगा।

Update:2019-08-27 17:05 IST

नई दिल्ली: पोस्टमॉर्टम जिसमे मरने के बाद इंसान की डेड बॉडी की पूरी जांच की जाती है। वहीँ इस पोस्टमॉर्टम को देख पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। इसे देखने के लिए जिगर चाहिए होता है। लेकिन आज आपको हम बताने वाले हैं पोस्टमॉर्टम से जुड़े ऐसे खास राज के बारे में जो आज तक शायद ही किसी को पता होगा। किसी घटना में मरने वाले इंसान का पोस्टमॉर्टम कभी भी रात में नहीं होता है। इसकी वजह भी काफी चौकाने वाली है।

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पोस्टमॉर्टम के लिए मृतक के सगे-संबंधियों की सहमति ज़रूरी होती है। वैसे तो कुछ मामलों में पुलिस अधिकारी भी पोस्टमॉर्टम की इजाजत दे देते हैं, जैसे की हत्या।

रिपोर्ट्स के अनुसार, व्यक्ति की मौत के बाद 6 से 10 घंटे के अंदर ही पोस्टमॉर्टम किया जाता है, क्योंकि इससे अधिक समय होने के बाद शवों में प्राकृतिक परिवर्तन, जैसे कि ऐंठन होने लगते हैं।

शवों का पोस्टमॉर्टम करने का समय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का ही होता है। इसके पीछे वजह ये है कि रात में ट्यूबलाइट या एलईडी की कृत्रिम रोशनी में चोट का रंग लाल के बजाए बैंगनी दिखाई देता है और फॉरेंसिक साइंस में बैंगनी रंग की चोट का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

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रात में पोस्टमॉर्टम नहीं कराने के पीछे एक धार्मिक कारण भी बताया जाता है। क्योंकि किसी धर्मों में रात में अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है, इसलिए कई लोग मृतक का पोस्टमॉर्टम रात को नहीं करवाते हैं।

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