दुर्गेश पार्थसारथी
सुल्तानपुर लोधी से: महमूद गजनवी के सिपाहसालार सुल्तान खान लोधी द्वारा 1103 ईसवी में बसाया गया सुल्तानपुर लोधी इन दिनों देश-विदेश की सिख संगत के लिए आस्था,आकर्षण और कौतूहल का केंद्र बना हुआ है। कौतूहल इस बात को लेकर है श्री गुरुनानक देव जी के 550 वें प्रकाशपर्व पर होने वाली व्यवस्था कितनी भव्य होगी और आस्था इसलिए कि इस नगर में सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के 14 साल बिताए हैं।
पंजाब के कपूरथला जिले में स्थित सुल्तानपुर लोधी में मनाए जा रहे प्रकाश पर्व में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 270 एकड़ में एक विशाल शिविर तैयार किया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि यहां देश-विदेश से लाखों की संगत पहुंचेगी। श्रद्धालुओं को नि:शुल्क आवास उपलब्ध कराने के लिए टेंट सिटी बनाई गई है। इस परियोजना के प्रबंधक पंकज शर्मा के अनुसार शिविर में 35,000 हजार से अधिक लोग ठहर सकते हैं। मूलभूत आधुनिक सुविधाओं से लैस यह टेंट सिटी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी।
कुछ इसी तरह की व्यवस्था 2017 में गुरु गोबिंद सिंह की 350वीं जयंती पर बिहार के पटना में भी की गई थी, जिसकी देश-विदेश में काफी सराहना हुई थी। प्रकाश पर्व पर राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण दिया गया है। टेंट सिटी को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। व्यवस्थापकों के अनुसार शिविर आवंटन के लिए एक नवंबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
कैसे पहुंचें सुल्तानपुर लोधी
यह स्थान रेल और सडक़ मार्ग से जुड़ा है। यहां पहुंचने के लिए जालंधर और फिरोजपुर से रेल सेवा उपलब्ध है। वैसे दिल्ली से भी रेलगाडिय़ां चलाई गई हैं। यहां दिल्ली से भी सीधी बस सेवा उपलब्ध है। यहां का निकटम हवाई अड्डा श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो यहां से लगभग 100 किमी है। यहां की भाषा पंजाबी है। हिंदी और अंग्रेजी भी बोली और समझी जाती है।
बुनियादी ढांचा सुधारने के लिए 300 करोड़
सुल्तानपुर लोधी सहित आसपास के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए पंजाब सरकार 300 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसके तहत सडक़ों के निर्माण, मरम्मत, विस्तार, नये पुलों के निर्माण आदि शामिल हैं। शहर में दीवारों पर सिख संस्कृति से संबंधित चित्र और पच्चीकारी कला प्रदर्शित की जा रही है।
आठ नवंबर को पीएम भी करेंगे दौरा
केंद्रीय फूड प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को पाकिस्तान के दरबार साहिब गुरुद्वारे से पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक धर्मस्थल को जोडऩे वाले करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह श्री गुरुनानक देव जी की चरण छोह स्थली सुल्तानपुर लोधी भी आएंगे। इसके बाद 11 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह एसजीपीसी के मंच का दौरा करेंगे। इसके बाद 12 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद भी आएंगे।
ये होगी सुविधाएं
श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए इस शिविर में भोजन से लेकर दवाई तक की व्यवस्था की गई है। प्रबंधकों के अनुसार लंगर के लिए स्थान तय कर लिया गया है। इसके अलावा क्लॉक रूम, वेटिंग रूम और ‘जोड़ा घर’ यानी जूते-चप्पल रखने की जगह के लिए भी स्थान निर्धारित कर लिया गया है। इसके अलावा टेंट सिटी में मेडिकल शिविर और अस्थायी एटीएम की भी व्यवस्था होगी। खास बात यह है कि टेंट सिटी में सौ फीसद पावर बैकअप, आरओ पानी और 250 सीसीटीवी कैमरे लगे होने के साथ सुरक्षा की चाकचौबंद व्यवस्था होगी।
लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
12 नवंबर को श्री गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाने के लिए देश-विदेश करीब 20-25 लाख श्रद्धालुओं के सुल्तानपुर लोधी पहुंचने की उम्मीद है। व्यवस्था की देखरेख में लगे अधिकारियों का कहना है कि सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला और आसपास के गांवों के लोगों से भी संगत को अपने यहां ठहराने की अपील की गई है। संगत के सुल्तानपुर लोधी पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। मैरिज हॉल, स्कूल-कॉलेजों, होटलों और गांवों में बने सामुदायिक केंद्रों में भी लोगों को ठहराने का बंदोबस्त किया जा रहा है।
सिखों के लिए महत्वपूर्ण है सुल्तानपुर लोधी
सुल्तानों के बसाए इस नगर में श्री गुरुनानक देव जी अपने जीवन के 14 साल बिताए थे। वर्तमान में यह शहर कपूरथला जिले में है । यहां पर आकर सिख संगत स्वयं को सौभाग्यशाली मानती है। कहा जाता है कि गुरुनानक देव जी यहां के नवाब के मोदीखाने का कार्यभार संभालते थे। कहते हैं कि सुल्तानपुर लोधी का नाम पहले सरवमानपुर था। जब मुहम्मद गजनवी ने इस शहर पर आक्रमण किया तो उसने इस नगर को जलाने का आदेश दिया था। इतिहासकारों के मुताबिक इसका एक नाम पेरन पुरी भी था। सुल्तानपुर से श्री गुरुनानक देव जी की बारात बटाला गई थी। मौजूदा समय में बटाला गुरदासपुर जिले में है। सुल्तानपुर में श्री गुरुनानक देव जी और उनकी बहन बेबे नानकी से जुड़े कई गुरुद्वारे भी हैं।