लोकसभा की कांगड़ा-चंबा सीट से इस बार सांसद शांता कुमार चुनाव लड़ेंगे नहीं, लड़वाएंगे

Update: 2019-04-05 10:30 GMT
लोकसभा की कांगड़ा-चंबा सीट से इस बार सांसद शांता कुमार चुनाव लड़ेंगे नहीं, लड़वाएंगे

शिमला। लोकसभा की कांगड़ा-चंबा सीट से इस बार मौजूदा सांसद शांता कुमार चुनाव नहीं लड़ेंगे। शांता कुमार ने दिल्ली में एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में चुनाव न लडऩे की बात कही है। माना जा रहा है कि लाल कृष्ण आडवाणी का टिकट कटने के बाद 75 पार आयु वर्ग के फार्मूले को देखते हुए शांता कुमार को भी मना लिया गया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी दिल्ली भेजा गया था।

शांता कुमार का कहना है कि उनकी पांच साल पुरानी इच्छा पूरी हुई है और वह स्वयं चुनाव न लड़कर चुनाव लड़वाने का आनंद लेना चाहते हैं। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अपने राजनीतिक गुरु सांसद शांता कुमार से आशीर्वाद लेने पहुंचे किशन कपूर व समर्थकों के साथ पत्रकारों से रुबरु हुए भाजपा नेता ने कहा कि वह कपूर को दो लाख से ज्यादा मतों से जीतता देखना चाहते हैं। शांता कुमार ने कहा कि वह पिछली बार भी चुनाव नहीं लडऩा चाहते थे और उन्होंने भाजपा आलाकमान को तीन नाम भी प्रस्तावित किए थे, हालांकि उन्होंने इन नामों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों में उनपर पार्टी की ओर से दबाव था जिसके लिए वह चुनाव मैदान में उतरे लेकिन इस बार न वह स्वयं न ही उनका परिवार ऐसा चाहता था। शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने पांच दशक से ज्यादा समय के बाद चुनावी राजनीति से विदाई ली है। उन्होंने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी ने भी उनसे चुनाव न लडऩे की बात कहने को कहा था।

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इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अब लोकसभा चुनाव के लिए फील्ड में उतर गए हैं। उन्होंने कहा है कि देश में राहुल गांधी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनना तय है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी और प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर शानदार जीत हासिल करेगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमेशा ही लोगों की भावनाओं के साथ खेला। कभी राम मंदिर के नाम पर तो कभी बढ़ती महंगाई पर, आलम यह है कि न राम मंदिर बना और न ही महंगाई घटी। आज जिस दौर से देश गुजर रहा है, बड़ी चिंता का विषय है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जयराम सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल सामान्य से भी बहुत कम रहा है, क्योंकि वह कुछ संघ तो कुछ हारे नकारे नेताओं के दवाब में कार्य कर रहे हैं। अभी तक वो केंद्र से कोई भी विशेष आर्थिक सहायता नहीं ला पाए हैं, जिस से प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधर सके।

इस बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा है कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का चुनाव मैदान छोडऩा कांग्रेस की पहली जीत है। शांता कुमार कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं की नब्ज को पहचान चुके थे, जिन्हें यह मालूम था कि उनकी हार होगी। इससे पहले ही शांता कुमार ने मैदान छोड़ दिया है। कुलदीप राठौर ने कहा कि भाजपा पहले अपने सभी सांसदों को टिकट दे रही थी, जिसके ऐलान भी किए गए, मगर अब उसे पुनर्विचार करना पड़ रहा है।

 

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