नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि राफेल सौदे की कीमत और अनुमानित लाभ के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मोदी सरकार से अधिक जानकारी मांगने का फैसला काफी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने वही जानकारी मांगी है, जिसे केंद्र सरकार छिपा रही थी। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।"
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सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार को सरकार से सरकार के बीच सौदे के तहत फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 राफेल युद्धक विमान की कीमतों की जानकारी बंद लिफाफे में सौंपने का आदेश दिया।
तिवारी ने कहा, "अदालत ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि पिछली सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा सौंपी गई गुप्त रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।"
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार सौदे की जानकारी छिपाने की कोशिश कर रही है।
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उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने गोपनीयता के चक्र को वेधने को कहा है।"
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकीलों और व्यक्तिगत तौर पर अदालत में दाखिल होने वाले याचिकाकर्ताओं को भारतीय ऑफसेट साझेदार के संबंध भी जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता है।
कांग्रेस नेता का यह बयान आने से पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से राफेल युद्धक विमान की कीमतों और अनुमानित लाभ के साथ सौदे की जानकारी मांगी।
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सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने सरकार को 36 राफेल विमान उड़ान की दशा में खरीदने का फैसला लेने की प्रक्रिया के संबंध में अदालत में पेश विवरण की जानकारी याचिकाकर्ताओं से साझा करने का निर्देश दिया।
तिवारी ने कहा, "सौदे का सबसे अहम हिस्सा कीमत है, जिसपर अदालत ने कहा कि सरकार को गोपनीयता का दावा करते हुए एक हलफनामा दाखिल करना चाहिए।"
उन्होंने बताया कि भारत-फ्रांस रक्षा करार में 18 अनुच्छेद हैं। तिवारी ने सवाल किया- " क्या प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, रक्षामंत्री राष्ट्र को बताएंगे कि किस अनुच्छेद में गोपनीयता का उल्लेख किया गया है?"