Delhi MCD Election Result: दिल्ली के किंग अरविंद केजरीवाल
Delhi MCD Election Result: आप ने 113 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 20 सीटों पर आगे है। वहीं, बीजेपी 93 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 11 सीटों पर आगे चल रही है।
Delhi MCD Election Result: दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। अब तक के रूझानों से स्पष्ट हो चुका है कि एमसीडी चुनाव में विधानसभा चुनाव की ही तरह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जादू चला है। आम आदमी पार्टी ने एमसीडी की सत्ता की रेस में बीजेपी को पीछे छोड़ दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, आप ने 113 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 20 सीटों पर आगे है। वहीं, बीजेपी 93 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 11 सीटों पर आगे चल रही है।
एमसीडी में सरकार बनाने के लिए 126 सीटों की दरकार है। इस लिहाज से देखें तो आम आदमी पार्टी इस बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। साल 2015 और साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद दिल्ली में आप की ये तीसरी बड़ी जीत है। इस जीत ने सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का किंग बना दिया है।
दिल्ली के किंग बने केजरीवाल
जब से दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल का उदय हुआ है, मुख्यधारा की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी इस छोटे से राज्य की सत्ता से दूर हो गई हैं। आप संयोजक केजरीवाल ने सबसे पहले 2013 में दिल्ली में 15 सालों से सरकार चला रही कांग्रेस की कब्र खोदी, इसके बाद बीजेपी को सत्ता में आने से रोक दिया। बाद के समय में कांग्रेस का पूरा का पूरा सफाया हो गया। मैदान में केवल आप और बीजेपी बची।
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक इलेक्शन मशीन की तरह काम कर रही बीजेपी को विधानसभा चुनाव में अपमानजनक पराजय झेलने के लिए मजबूर कर दिया। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी आप को सत्ता से हटा नहीं पाई। लेकिन केजरीवाल ने साल 2017 में एमसीडी के चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली पराजय का बदला ले लिया।
एमसीडी चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर अरविंद केजरीवाल ने खुद को उस दिल्ली के किंग के रूप में स्थापित कर लिया है, जहां बीजेपी और कांग्रेस जैसी दो बड़ी पार्टियों की लीडरशिप बैठती है। केजरीवाल की अगली नजर स्वभाविक तौर पर लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज कर संसद से लेकर नगर निगम तक पार्टी का वर्चस्व कायम करना होगा।
दिलचस्प बात ये है कि दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल को सक्रिय हुए तकरीबन 10 साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक बीजेपी और कांग्रेस उनके विरूद्ध किसी चेहरे को तैयार नहीं कर सकी है। जिस तरह नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजनीति में एक करिश्माई चेहरा बन चुके हैं, उसी तरह केजरीवाल भी दिल्ली की राजनीति में सबसे प्रभावशाली किरदार बन चुके हैं, जिनका काट ये दोनों राष्ट्रीय पार्टियां अभी तक नहीं तलाश पाई हैं।