Monkeypox: मंकीपॉक्स की यूपी में दस्तक, गाजियाबाद में मिला संदिग्ध, नोएडा के मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई
Monkeypox in Uttar Pradesh: यूपी के गाजियाबाद और नोएडा में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज मिले हैं। संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए NIV पुणे भेजा गया है।
Monkeypox in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज सामने आये हैं। फिलहाल जांच के लिए दोनों मरीजों के सैंपल NIV पुणे भेजा गया है। बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में मंगलवार को मंकीपॉक्स के लक्षण वाले एक संदिग्ध मरीज को भर्ती कराया गया था। अस्पताल की इमरजेंसी में मरीज को भर्ती किया गया है। मरीज में बुखार और त्वचा पर दाने दिखाई दिए थे। वहीं एनसीआर क्षेत्र नोएडा में भी एक संदिग्ध महिला में लक्षण दिखे लेकिन उसकी रिपोर्ट मंकीपॉक्स के लिए निगेटिव आई हैं। इस तरह यूपी में अब तक मंकी पॉक्स के दो मरीज सामने आ चुके हैं।
मंकीपॉक्स का एक अन्य संदिग्ध मामला नोएडा में सामने आया। जानकारी के मुताबिक, 47 वर्षीय बुजुर्ग महिला में संदिग्ध तौर पर मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दिए जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) स्वास्थ्य विभाग ने महिला के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। महिला ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में अपने परिवार के साथ रह रही हैं। महिला का इलाज होम आइसोलेशन (Home Isolation) में किया जा रहा है।
Lucknow Lab भेजा गया है
नोएडा की मंकीपॉक्स संदिग्ध महिला के मुंह और शरीर पर लक्षण दिखे हैं। महिला के चेहरे पर दाने दिखे हैं। लक्षण दिखने के बाद वो अपने पति के साथ जांच के लिए आई थीं। महिला का ब्लड और स्वैब (Blood and Swab) का सैंपल जांच के लिए लखनऊ लैब (Lucknow Lab) भेजा गया है। उक्त महिला दिल्ली के स्कूल में टीचर हैं। काम के सिलसिले में उन्हें दिल्ली आना-जाना पड़ता है। विभाग की ओर से महिला की ट्रैवल हिस्ट्री (Travel History) पता लगाई जा रही है। साथ ही ये भी जानने की कोशिश की जा रही है कि उनके संपर्क में कौन लोग आए थे। संपर्क में आने वालों के सैंपल भी लिए जाएंगे। फिलहाल संदिग्ध महिला होम आइसोलेशन में हैं।
गाजियाबाद में एक साथ दो संदिग्ध मिले
वहीं, यूपी के गाजियाबाद जिले में मंकीपॉक्स के एक साथ दो संदिग्ध मिले हैं। एक मरीज गाजियाबाद के अर्थला इलाके का रहने वाला है। यह बुधवार को जिला अस्पताल अपनी जांच कराने आया था। अब उसका सैंपल NIV पुणे जांच के लिए भेजा गया है। इस मरीज को भी होम आइसोलेशन में ही रखा गया है। जबकि, गाजियाबाद निवासी दूसरे मरीज का दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) में इलाज चल रहा है। उसके जांच के नमूने भी लैब भेजे गए हैं।
मंकीपॉक्स के लक्षण
चेचक की तुलना में मंकीपॉक्स (monkeypox virus) हल्का होता है, और लक्षण चेचक जैसे बुखार, सिरदर्द, या दाने और फ्लू जैसे लक्षणों के समान होते हैं, लेकिन यह सीमित है और लगभग तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है। फ्लू जैसे लक्षणों के अलावा, मंकी पॉक्स (monkeypox) शरीर में लिम्फ नोड्स या ग्रंथियों के बढ़ने का कारण बनता है। अधिकांश रोगियों को केवल बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान का अनुभव होता है। अधिक गंभीर बीमारी वाले लोगों के चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं जो शरीर के अन्य भागों में फैल सकते हैं। अधिकांश लोग अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता के बिना लगभग दो से चार सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?
मंकीपॉक्स (monkeypox) बंदरों, गिलहरियों या तो कटी फटी हुई त्वचा या उनके काटने या खरोंच के माध्यम से, या संक्रमित जानवर के रक्त शरीर के तरल पदार्थ या घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से जानवरों से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है, लेकिन यह कम आम है। यह तब होता है जब आप एक व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवाई बूंदों के संपर्क में आते हैं, इसके लिए लंबे समय तक आमने-सामने संपर्क की आवश्यकता होती है, या यह शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी हो सकता है। और इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यौन सम्बन्ध के द्वारा संचारित होने का भी अनुमान लगाया जाता है। यह वायरस से दूषित सामग्री के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से भी फैल सकता है, इसमें कपड़े, रक्तस्राव, या संक्रमित व्यक्ति या जानवर द्वारा उपयोग किए जाने वाले अन्य लिनेन शामिल हो सकते हैं।
मंकीपॉक्स निदान
यह ज्यादातर आत्म-सीमित है और दो से तीन सप्ताह के समय में खुद ही ठीक हो जाता है। यह चेचक की तरह ही होता है जो धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाता है। मंकीपॉक्स में दस रोगियों में से एक की मृत्यु हो सकती है।