लोकसभा चुनाव 2019 के चलते रूके राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

लोकसभा चुनाव 2019 की आचार संहिता के चलते पुरस्कार की घोषणा या पुरस्कार दिया जाना संभव नहीं है और इसलिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

Update: 2019-04-27 07:50 GMT

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 की आचार संहिता के चलते पुरस्कार की घोषणा या पुरस्कार दिया जाना संभव नहीं है और इसलिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

आमतौर पर अप्रैल में घोषित और मई में दिए जाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की तारीख को लोकसभा चुनाव 2019 के चलते आगे बढ़ा दिया गया है।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी हुए एक पत्र के अनुसार अब ये अवॉर्ड मई 2019 में घोषित किए जाएंगे और चुनाव समाप्ति के बाद इस समारोह को राष्ट्रपति भवन में किया जाएगा।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हर साल एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल द्वारा घोषित किए जाते हैं और फिर राष्ट्रपति द्वारा इन पुरस्कारों का प्रतिपादन किया जाता है।

पिछले साल की तरह इस साल भी क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को काफी उम्मीद थी लेकिन अब सिने निर्माताओं का इंतजार और लंबा हो जाता है।

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बीते वर्ष राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष रहे शेखर कपूर ने अपनी प्रतिक्रिया में इस देरी को वाजिब ठहराते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव का इंतज़ार करना ठीक ही है। इससे पुरस्कारों पर किसी तरह की राजनीतिक उंगली नहीं उठेगी।

लोकसभा चुनाव 2019 की आचार संहिता के चलते पुरस्कार की घोषणा या पुरस्कार दिया जाना संभव नहीं है और इसलिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

हालांकि इस देरी का कई लोगों ने विरोध भी किया है, खासकर तेलेगु फिल्मों महानती और रंगस्थलम के फैन्स के लिए ये देरी खासा निराश करती है। इन दो फिल्मों को इस साल के राष्ट्रीय पुरस्कारों का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

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