सिद्धू के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद सूबे का सियासी माहौल गरमाया, अगले कदम का इंतजार

Update:2019-07-19 12:29 IST
सिद्धू के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद सियासी माहौल गरमाया, अगले कदम का इंतजार

चंडीगढ़: पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद सूबे का सियासी माहौल गरमा गया है। अब हर किसी को सिद्धू के अगले कदम का इंतजार है। सिद्धू ने अभी केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। वे अभी भी कांग्रेस विधायक बने हुए हैं। उन्होंने विधायकी नहीं छोड़ी है। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि सिद्धू को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में जगह मिल सकती है। पंजाब की राजनीति में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के हमेशा छत्तीस के आकड़े रहे हैं। वे कैप्टन की कैबिनेट में जरूर थे मगर उनकी ट्यूनिंग कभी कैप्टन से नहीं बन सकी। कई बार दोनों के बीच सार्वजनिक रूप से मतभेद उजागर हो चुके हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी पत्नी को टिकट न मिलने के बाद सिद्धू और कैप्टन के रिश्ते काफी बिगड़ गए क्योंकि सिद्धू का मानना है कि उनकी पत्नी का टिकट कटवाने में कैप्टन की ही प्रमुख भूमिका रही। उनका मानना है कि हाईकमान टिकट देने को तैयार था मगर कैप्टन ने ही खेल करके टिकट कटवाया। हालांकि कैप्टन सिद्धू की इस बात का हमेशा खंडन करते रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों दिल्ली में भी कहा था कि मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं थी।

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सिद्धू को सीएम प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव

सिद्धू के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब उनके अगले सियासी कदम का हर किसी को बेसब्री से इतंजार है। इस बीच सिमरजीत बैंस और सुखपाल खैरा ने सिद्धू को तीसरे मोर्चे का सीएम प्रत्याशी बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू तैयार हों तो हम उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में सीएम प्रत्याशी बनाएंगे। आम आदमी पार्टी ने भी सिद्धू को न्योता दिया है। फिलहाल सिद्धू के अगले फैसले का सभी को इंतजार है कि वे क्या करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि अगर उन्हें कांग्रेस में कोई सम्मानित पद नहीं मिला तो वे पार्टी छोडऩे पर भी विचार कर सकते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को सिद्धू का इस्तीफा मिल गया है, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। सीएम अमरिंदर सिंह के अब तक के तेवरों से तो जाहिर हो गया है कि वे सिद्धू पर कोई रहम नहीं करने वाले।

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बहुत दिनों से तल्ख थे कैप्टन से रिश्ते

अगस्त 2018 में सिद्धू कैप्टन अमरिंदर के निशाने पर तब आए थे जब उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथग्रहण में शामिल होने का न्योता मिला था। इस्लामाबाद पहुंचे सिद्धू ने इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था। सिद्धू के इस कदम के लिए बीजेपी ने तो उनकी कड़ी आलोचना की ही, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई थी। दिसंबर 2018 में सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे तो वे खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला के साथ दिखे। . माना जाता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू के इस कार्यक्रम में जाने से नाराज थे। जब सिद्धू से पत्रकारों ने कैप्टन की नाराजगी के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने दो टूक कहा था कि आप किस कैप्टन की बात कर रहे हैं। वे आर्मी कैप्टन हैं। मेरे तो कैप्टन राहुल गांधी हैं।

आम चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए कैप्टन अमरिंदर ने जब सिद्धू पर ठीकरा फोड़ा तो सिद्धू बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी सामूहिक होनी चाहिए, लेकिन उन्हे निशाना बनाया जा रहा है। जब कैबिनेट फेरबदल में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से शहरी विकास मंत्रालय छीन लिया तो दो दिग्गजों की लड़ाई चरम पर पहुंच गई। सिद्धू ने कार्य बहिष्कार के बाद आखिरकार इस्तीफा दे दिया। अब हर किसी को इंतजार है कि ऊंट किस करवट बैठता है।

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