Yamuna Controversy: दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल की हो सकती है फजीहत, यमुना जल मुद्दे पर CM सैनी पहुंचे इलेक्शन कमीशन
Yamuna Controversy: यमुना जल मुद्दे के सिलसिले में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी चुनाव आयोग पहुंच गए हैं। ऐसे में माना जा रहा कि दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को फजीहत हो सकती है।;
Yamuna Controversy: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यमुना नदी पर अरविंद केजरीवाल के दिए गए बयान से सियासी गलियारा गरमा गया है। वहीं बीजेपी भी इसे मौके के रूप में भुनाने से बिल्कुल पीछे नहीं हट रही है। ऐसे में माना जा रह है कि दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को फजीहत भी हो सकती है।
यमुना जल मुद्दे के सिलसिले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव आयोग पहुंच गए हैं। इस मुद्दे पर उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक किया। अगर सीएम सैनी इस मुद्दे पर शिकायत करते हैं तो केजरीवाल के खिलाफ कई ऐक्शन हो सकता है।
अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यमुना जल मुद्दे के सिलसिले में मुख्य चुनाव आयुक्त से शिकायत करते हैं और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई आरोप लगाते हैं, बशर्ते कि आरोप चुनावी प्रक्रिया, आचार संहिता, या कानूनों के उल्लंघन से संबंधित हो तो ये कार्रवाई हो सकती है।
जांच का आदेश
- चुनाव आयोग शिकायत की जांच करेगा और यह पता लगाएगा कि क्या अरविंद केजरीवाल ने किसी तरह से आदर्श आचार संहिता यानी चुनावी कानूनों का उल्लंघन किया है।
- यदि शिकायत पर्याप्त प्रमाणों पर आधारित होगी, तो आयोग संबंधित एजेंसियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगेगा।
नोटिस जारी करना
- यदि प्रथम दृष्टि में आयोग को लगे कि शिकायत में दम है, तो अरविंद केजरीवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
- नोटिस में उनसे जवाब मांगा जाएगा कि उन्होंने कथित उल्लंघन क्यों किया और उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
चेतावनी या कार्रवाई
- यदि अरविंद केजरीवाल दोषी पाए जाते हैं, तो आयोग उन्हें चेतावनी दे सकता है या उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
- कार्रवाई में सार्वजनिक निंदा, अभियान पर रोक या अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है।
चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप
- यदि शिकायत यह दिखाती है कि अरविंद केजरीवाल ने किसी प्रकार से चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया है, तो आयोग संबंधित कदम उठा सकता है।
- इसमें उनके द्वारा किए गए किसी भाषण, विज्ञापन, या सार्वजनिक बयान की जांच की जा सकती है, जो यमुना जल मुद्दे के साथ जोड़कर देखा जा रहा हो।
सुप्रीम कोर्ट का सहारा
- यदि मामला संवेदनशील हो और आयोग को लगे कि यह चुनावी निष्पक्षता को खतरे में डाल सकता है, तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच सकता है।
- आतिशी भी चुनाव आयुक्त से कीं मुलाकात
भाजपा प्रतिनिधिमंडल की चुनाव आयोग से मुलाकात की
यमुना जल मुद्दे को लेकर भाजपा प्रतिनिधिमंडल की चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली की चुनावी राजनीति में भाजपा लगातार जीत की ओर बढ़ रही है। उससे निराश होकर दिल्ली की सीएम, पूर्व सीएम और AAP नेता अरविंद केजरीवाल आज अराजकता वाली मानसिकता से दिल्ली की राजनीति में जहर घोलने के लिए उतर आए हैं।
चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
भूपेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने यानी केजरीवाल ने जो अपने बयान के द्वारा लोगों के मन में अनावश्यक भय पैदा करने की कोशिश की वो सीधे- सीधे आदर्श आचार संहिता के खिलाफ आता है इसलिए चुनाव आयोग को हमने उनके भाषण का अंश दिया। चुनाव आयोग ने हमारी बात का संज्ञान लिया है और हमें आश्वासन दिया है कि उनका बयान आदर्श आचार संहिता के खिलाफ है। हमने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
आतिशी भी चुनाव आयोग से कीं मुलाकात
इससे पहले दिल्ली सीएम आतिशी भी चुनाव आयोग से मुलाकात कर चुकी हैं। मुलाकात के बाद कालकाजी विधानसभा सीट से AAP उम्मीदवार आतिशी ने कहा कि आयोग से मुलाकात के दौरान दिल्ली में पानी के मुद्दे पर चर्चा हुई। हमने चुनाव आयोग को बताया कि किस तरह से यमुना में जो हरियाणा से पानी आ रहा है उसमें अमोनिया का लेवल जहरीले लेवल तक पहुंच गया है।
आतिशी ने क्या कहा
सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 1 PPM या 2 PPM तक अमोनिया को ट्रीट कर सकते हैं लेकिन कुछ दिनों से लगातार अमोनिया का स्तर 4-7 PPM तक पहुंच गया है। 7 PPM अमोनिया यानी जहरीला पानी। हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि अगर इसी तरह से जहरीला पानी आता रहा तो हमारे कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद हो जाएंगे और 30% दिल्ली को पानी नहीं मिलेगा। चुनाव आयोग ने हमें आश्वस्त किया है कि वो दिल्ली की हित में जो निर्णय होगा वो करेंगे।