यासीन मलिक सहित कई अलगाववादियों के ठिकानों पर NIA की छापेमारी, सीमा पर अलर्ट

नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में विभिन्न अलगाववादियों के परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर घाटी में करीब नौ जगहों पर छापे मारे।

Update: 2019-02-26 08:33 GMT

श्रीनगर: नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में विभिन्न अलगाववादियों के परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर घाटी में करीब नौ जगहों पर छापे मारे। इनमें पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नईम गिलानी का आवास भी शामिल है।

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इनके अलावा, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) नेता यासिन मलिक, शबीर शाह, अशरफ सेहराई और जफर भट के आवास पर भी छापे मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि यह मामला हवाला के जरिए अलगाववादियों को कथित रूप से पाकिस्तान से मिलने वाले धन से जुड़ा है।

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो एनआईए की छापेमारी से पहले पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने पूरी तैयारी की थी। घाटी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया और फिर यहां हाई अलर्ट जारी कर दिया। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात कीं, इनमें 45 सीआरपीएफ, 35 बीएसएफ, 10 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां शामिल हैं। आम तौर पर एक कंपनी में सैनिकों की संख्या 80 से 150 तक होती हैं।

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हिरासत में लिए गए थे यासीन

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों पर कार्रवाई के संकेतों के बीच बीते शुक्रवार रात जेकेएलएफ (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

सरकार ने वापस ले ली थी यासीन की सुरक्षा

इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुलवामा हमले के बाद सख्त कदम उठाते हुए घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 160 राजनीतिज्ञों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली थी। इनमें एसएएस गिलानी, अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अगा सैयद अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह, मोहम्मद मुसादिक भट और मुख्तार अहमद वजा शामिल थे। इन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में सौ से ज्यादा गाड़ियां लगी थीं। इसके अलावा 1000 पुलिसकर्मी इन नेताओं की सुरक्षा में लगे थे।

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