गर्भवती को नर्स ने मारा थप्पड़, पूछा- क्यों खाया इतना कि बच्चा मोटा हो गया?
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक निजी अस्पताल के अंदर प्रसूता के साथ अभद्रता किये जाने का मामला सामने है। प्रसूता के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने प्रसूता को थप्पड़ मारा।
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक निजी अस्पताल के अंदर प्रसूता के साथ अभद्रता किये जाने का मामला सामने है। प्रसूता के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने प्रसूता को थप्पड़ मारा। नर्स ने कहा कि इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया।
साथ ही नर्सों की लापरवाही से नवजात की मौत हो गई। इसके बाद परिजन उसे दूसरे अस्पताल ले गए, जहां डॉ. जफर पठान ने बताया कि डिलीवरी में समय की बर्बादी व लापरवाही से दिक्कत हुई है।
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इलाज के दौरान बच्चे की हो गई मौत
इलाज के दौरान बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस में की है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक सन्मति नगर की रहने वाली नेहा सारड़ा की डिलीवरी होने वाली थी। गुरुवार सुबह परिजन उसे 10.30 बजे राजमोहल्ला के निजी अस्पताल ले गए।
अस्पताल पहुंचने के बाद काफी देर तक कोई स्टाफ नहीं आया। आऱोप है कि करीब 2 घंटे बाद प्रसूता को 16 इंजेक्शन दिए गए। इस दौरान भी दर्द कम नहीं हुआ तो स्टाफ ही डिलीवरी के लिए ले गया।
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नर्स ने प्रसूता को मारे चांटे
परिजनों ने डॉक्टर वंदना को बुलाकर सिजेरियन डिलेवरी करने को कहा तो नर्सों ने प्रसूता को चांटे मारे और कहा- इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया। वहीं, मामले में डॉक्टर वंदना तिवारी ने कहा कि प्रसूति के दौरान मारपीट व अभद्रता की जानकारी मुझे नहीं है।
मध्यप्रदेश में इंदौर के एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। महिला के घर वालों का आरोप है कि महिला की डिलीवरी के समय अस्पताल की नर्स ने उसे थप्पड़ मारा।
परिजनों ने आरोप लगाया कि नर्स ने थप्पड़ मारकर कहा कि इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया। नर्सों की लापरवाही की वजह से डिलीवरी के बाद नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस से मामले की शिकायत की है।
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राजमोहल्ला के निजी अस्पताल में भर्ती
प्राप्त जानकारी के अनुसार सन्मति नगर की रहने वाली नेहा सारड़ा की डिलीवरी के दिन करीब थे। जब उसके पेट में तेज दर्द हुआ तो गुरुवार सुबह परिजनों ने उसे 10.30 बजे राजमोहल्ला के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल पहुंचने के बाद काफी देर तक कोई स्टाफ नहीं आया।
परिजनों का आरोप है कि करीब 2 घंटे बाद प्रसूता को 16 इंजेक्शन दिए गए। इस दौरान भी दर्द कम नहीं हुआ तो स्टाफ ही डिलीवरी के लिए ले गया। परिजनों का कहना है कि वो पिछले 9 महीने से महिला का इलाज डॉक्टर वंदना तिवारी से करा रहे थे।
जब परिजनों ने डॉक्टर वंदना को बुलाकर ऑपरेशन कर डिलीवरी करने को कहा तो नर्सों ने प्रसूता को चांटे मारे और कहा- इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया। डिलीवरी के बाद नर्सों ने प्रसूता के पति को बताया कि बच्चे की धड़कन तो चल रही है, लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है।