पाकिस्तान डरा: 370 के बाद भारत देगा इमरान को ये बड़ा झटका

जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार को खत्म किये जाने के बाद और पीओके के तरफ भारत का अक्रामक रुप देखते हुए पाकिस्तान डरा हुआ है। पाकिस्तान को पीओके के छिन जाने का डर सता रहा है।

Update: 2023-05-13 11:05 GMT

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार को खत्म किये जाने के बाद और पीओके के तरफ भारत का अक्रामक रुप देखते हुए पाकिस्तान डरा हुआ है। पाकिस्तान को पीओके के छिन जाने का डर सता रहा है। पीओके पर भारत के रुख को देखते हुए वहां के लोगों के हौसले में वृद्धि हुई है और पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। पाकिस्तान पीओके के लोगों का दमन करने में लगा है। क्योंकि पाकिस्तान सरकार को पीओके के लोगों पर भरोसा नहीं है। इसलिए पाकिस्तान ने पीओके की डेमोग्राफा बदलने की साजिश कर रहा है।

पीओके की डेमोग्राफी बदलने फिराक में पाकिस्तान-

बता दें कि पीओके में लगभग 41 लाख आबादी है और यहां पर सबसे ज्यादा शिया लोगों का बसेरा है। पीओके में कुल 8 जिले हैं, जिसमें मीरपुर, भिम्बर, कोटली, मुजफ्फराबाद, बाघ, नीलम, रावलकोट और सुधानोटी शामिल हैं। जहां मुजफ्फराबाद इसकी राजधानी है। पीओके का दूसरा हिस्सा गिलगित बलिस्तान नाम से भी मशहूर है। यहां पर भी शिया लोगों की आबादी ज्यादा है। अब पीओके को लेकर पाकिस्तान ने इसके डेमोग्राफी बदलने की सोची है और इसके तहत उसने खैबर पख्तुनख्वा इलाके से सुन्नी मुसलमानों और पश्तूनों को बसाना शुरु कर चुका है।

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इन्हीं लोगों को मिलाकर पाकिस्तान 15 से 20 हजार लोगों की फौज बना रहा है। इन्हें घातक हथियारों से लैस किया जाएगा। इससे अगर भारत पीओके में घुसता है तो ये सभी फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस की तरह काम करेंगे। लेकिन इसके पीछे पाकिस्तान एक और मकसद लिए बैठा है।

पाकिस्तान ये रच रहा है साजिश-

दरअसल, भारत की कार्रवाई में ये अगर ये लोग मारे जाते हैं तो पाकिस्तान भारत पर सिवीलियन इलाकों को टारगेट करेन का आरोप करने का आरोप लगा सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान मानवाधिकार संगठनों को वहां ले जाकर इस मुद्दे को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर भी ले जा सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने पीओके में चल रहे पाकिस्तान मिनीस्ट्री ऑफ एजुकेशन के लगभग 150 मदरसों को फंड की कमी के नाम पर सभी को अलग-अलग जगहों पर चल रहे एनजीओ में सौंप दिया है।

बच्चों को दी जा रही हथियारों की ट्रेनिंग-

बता दें कि इस सभी एनजीओ को जैश और लश्कर जैसी आतंकी संगठन फंड करते हैं। यहां पर बच्चों को जिहादी तालीम दी जा रही हैं। इसके साथ ही उन्हें हथियारों की ट्रेंनिग भी दी जा रही हैं। भारत के बढ़ते रुख को देखते हुए पाकिस्तान इन बच्चों को बालाकोट के पास खैबर पख्तुनख्ला के मदरसों में शिफ्ट कर रहा है। खैबर पख्तूनवा के पास दारुल-लूम हक्कानिया मदरसा में स्थित अल-कायदा इन इंडियन में सबकांटिनेंट का सरगन यानि मौलाना असीम उमर भी पढ़ चुका है।

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