अनुच्छेद 370: बोले अमित शाह, 370 से सिर्फ तीन परिवारों का भला हुआ

गृह मंत्री ने कहा कि कहा जाता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन किसी अन्य राज्य को नहीं बोलते, उसकी वजह 370 है क्योंकि इसी ने जनमानस के मन में शंका पैदा की थी, कश्मीर भारत का अंग है या नहीं। धारा 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं बल्कि जोड़ने से रोकती है, जो आज सदन के आदेश के बाद खत्म हो जाएगी।

Update: 2019-08-06 13:03 GMT

नई दिल्ली: लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर सदन में चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सदस्यों के मन के भाव को समझ रहा हूं, क्योंकि सब लोग 70 साल से एक दर्द को दबाकर बैठे हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि कहा जाता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन किसी अन्य राज्य को नहीं बोलते, उसकी वजह 370 है क्योंकि इसी ने जनमानस के मन में शंका पैदा की थी, कश्मीर भारत का अंग है या नहीं। धारा 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं बल्कि जोड़ने से रोकती है, जो आज सदन के आदेश के बाद खत्म हो जाएगी।

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गृह मंत्री ने कहा कि जहां तक केंद्र शासित राज्य का सवाल है तो मैं देश और मुख्य रूप से घाटी के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि स्थिति सामान्य होते ही पूर्ण राज्य का दर्जा देने में हमें कोई संकोच नहीं होगा। जब भारत-पाकिस्तान ने UN के प्रस्ताव को स्वीकार किया तब किसी भी देश की सेना को सीमाओं के उल्लंघन का अधिकार नहीं था, लेकिन 1965 में पाकिस्तान की ओर से सीमा का उल्लंघन करने पर यह प्रस्ताव खारिज हो गया था।

उन्होंने कहा कि 370 हटाना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि वह देश की संसद के महत्व को कम करता है। देश का कानून वहां तक नहीं पहुंचता है। जिसकी वजह से पाकिस्तान वहां के लोगों के मन में अलगाववाद को बढ़ाता है। 1989 से 1995 तक जम्मू कश्मीर में आतंकवाद इतना बढ़ा की वहां सालों तक कर्फ्यू लगाया गया। वहां खाना-पीना तो छोड़िए ब्रेड-बटर तक नहीं मिलता था। हमने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल इसलिए रखे हैं कि अगर वहां की कानून व्यवस्था को बिगाड़ना भी चाहे तो उसको मौका नहीं मिलेगा।

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अमित शाह ने कहा कि 371 महाराष्ट्र के विकास से जुड़ा है उसे हम क्यों निकालेंगे, इससे कहीं भी देश की अखंडता और एकता बाधित नहीं होती। इसकी 370 से कोई तुलना नहीं की जा सकती। विभिन्न राज्यों की कुछ समस्याओं को 371 में रखा गया है। हम इसे कतई हटाने नहीं जा रहे हैं। हम हुर्रियत के साथ चर्चा नहीं करना चाहते। घाटी के लोग हमारे हैं, हम उनको सीने से लगाएंगे, उनको प्यार से रखेंगे, पूरा हिंदुस्तान उन्हें प्यार से रखेगा। अगर उनके मन में कोई आशंका है तो जरूर चर्चा करेंगे, हमें कोई आपत्ति नहीं।

गृह मंत्री ने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि 370 Temporary है, उचित समय आने पर हटाएंगे। 70 साल लगे लेकिन नहीं हटा पाए, मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमें इतना समय नहीं लगेगा। शाह ने कहा कि 370 हटाना कैसे सांप्रदायिक एजेंडा हो सकता है? क्या वहां हिन्दू, सिख और जैन नहीं रहते हैं? आज तक वहां अल्पसंख्यक आयोग नहीं बनाया गया। यह सिर्फ अनुच्छेद 370 की वजह से हुआ।

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अमित शाह ने कहा कि 1989 से लेकर अबतक 41 हजार लोग मारे गए फिर भी क्या हम उसी रास्ते पर चलना चाहते हैं। 70 साल इसी रास्ते पर चले हैं अब क्या रास्ता बदलना नहीं चाहिए। कब तक वोट बैंक की राजनीति करते रहेंगे, कब देश हित और घाटी के हित के बारे में सोचेंगे। जम्मू-कश्मीर में आज तक अल्पसंख्यक आयोग क्यों नहीं बनाया गया?

वहां शिक्षा का अधिकार कानून लागू नहीं है, जम्मू-कश्मीर के बच्चों को यह अधिकार नहीं मिला। शिक्षकों को ट्रेनिंग नहीं मिलती है। इन सबका एकमात्र कारण अनुच्छेद 370 है।

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उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि 5 साल के बाद जम्मू और कश्मीर में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जो विकास होने वाला है, वो देखकर घाटी की जनता भी कहेगी कि 370 का झुनझुना जो हमें पकड़ाया गया उससे हमारा बहुत अहित हुआ।

अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की परंपरा है कि ऐसे फैसले व्यक्तित्व को बढ़ाने के लिए, वोटबैंक के लिए या चुनाव में फायदा हो इसलिए नहीं लेते। ऐसे फैसले देश का भला किसमें है वो देखकर लेते हैं। ऐसे फैसले देश की सुरक्षा किसमें है वो देखकर लिया जाता है।

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