खड्डा विधायक की पहलः पीएम ने दी मंजूरी, बनेगा नारायणी गंडक बाल्मीकि बैराज जलमार्ग
गंगा नदी मोकामा पटना से मां नारायणी गंडक नदी वाल्मीकि बैराज तक प्रस्तावित इस जलमार्ग के निर्माण से नेपाल और भारत के बीच होने वाले कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी इसके साथ ही बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी परिवहन सुविधा का विकास होगा।
लखनऊ: नेपाल और बिहार की सीमा से जुड़े मां नारायणी गंडक नदी वाल्मीकि बैराज-पटना जलमार्ग प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दे दी है। खड्डा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने परियोजना को शुरू कराने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है, उनके प्रस्ताव को प्रधानमंत्री ने अगली कार्रवाई के लिए जल परिवहन मंत्रालय भेजा है।
नेपाल और भारत के बीच होने वाले कारोबार को मिलेगी मदद
कुशीनगर के खड्डा विधानसभा सीट से विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि केंद्रीय जल परिवहन मंत्रालय ने महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय जलमार्ग 37 का पहले से ही ऐलान कर रखा है । गंगा नदी मोकामा पटना से मां नारायणी गंडक नदी वाल्मीकि बैराज तक प्रस्तावित इस जलमार्ग के निर्माण से नेपाल और भारत के बीच होने वाले कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी इसके साथ ही बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी परिवहन सुविधा का विकास होगा।
ऐसे में गंडक नदी के संगम पटना से भैंसा लोटन वाल्मीकि बैराज तक घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग सहित इसका निर्माण कराए जाने के लिए संबंधित मंत्रालय को निर्देश दिया जाना चाहिए। उनके इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहाजरानी मंत्रालय को निर्देश दे दिया है जिसके बाद अधिकारियों ने पत्र भी भेजा है और इसकी सूचना विधायक जटाशंकर त्रिपाठी को दी है। इसकी सूचना भारत सरकार के अवर सचिव राजन भसीन ने दी है ।
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जलमार्ग के पक्ष में विधायक ने प्रधानमंत्री को दी अहम जानकारी
नेपाल एक लैंडलॉक्ड देश है जो चारों तरफ से भूतल परिवहन से जुड़ा हुआ है नेपाल अपनी जरूरत का अधिकांश कारोबार सोनौली बॉर्डर से करता है हर रोज लगभग 10,000 ट्रकों का आवागमन होता है। ऐसे में यह जलमार्ग व्यापारिक दृष्टि से अत्यंत लाभप्रद होगा जलमार्ग के बन जाने से यह पूरा क्षेत्र सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा । चीन के नजदीक होने के कारण भी यह काफी महत्वपूर्ण है। भूतल परिवहन के मुकाबले जल परिवहन से होने वाला नुकसान बहुत ही नगर में है इसके साथ ही जल मार्ग के निर्माण से तटीय क्षेत्रों में बसे लोगों के सर्वांगीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
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सरयू जलमार्ग का प्रस्ताव भी प्रधानमंत्री के पास
विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने सरयू नदी से पटना के पास गांधी सेतु मिलन स्थल तक जलपोत परिवहन सुविधा विकसित करने की भी मांग की है। उन्होंने 18 सितंबर 2020 को इस सिलसिले में प्रधानमंत्री को एक और पत्र लिखा है जिसमें अनुरोध किया है कि अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के तहत केंद्र सरकार की ओर से जल मार्ग निर्माण के प्रयास सराहनीय हैं । ऐसे में गांधी सेतु मोकामा बिहार से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या तक को जोड़े जाने की आवश्यकता है।
इससे पूर्वांचल के पिछड़े क्षेत्रों का विकास होगा और मोकामा बिहार से अयोध्या तक नया मार्ग बनाकर हल्दिया तक के जल मार्ग को जोड़ने का कार्य पूरा किया जा सकता है । इससे हल्दिया से लेकर बिहार उत्तर प्रदेश बौद्ध पर्यटन स्थल कुशीनगर के साथ है जलमार्ग अयोध्या से जुड़ेगा तो विकास की बड़ी इमारत तैयार होगी ।
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गोरखपुर के गीडा व्यापारिक केंद्र के लिए वरदान
सरयू नदी जलमार्ग पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को जोडने वाले लिंक एक्सप्रेसवे के नजदीक बड़हलगंज के पास से गुजरेगा। इससे गोरखपुर के गीडा व्यापारिक केंद्र के साथ ही गोरखपुर से यूरिया खाद, धुरियापार चीनी मिल्स एथेनॉल उत्पादन और गेहूं चावल मक्का बाजरा गणना के साथ ही भक्तों के लिए कोयला आज की ढुलाई में सहायक होगा।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी