बेंगलुरु: कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जल विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मंगलवार को कावेरी होराता समिति ने मांड्या में बंद का आह्वान किया। इस बंद के मद्देनजर राज्य सरकार ने तक़रीबन 2400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इस वजह से तमिलनाडु के होसुर बॉर्डर पर काफी संख्या में बस सहित अन्य गाडियां रुकी हुई हैं।
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700 बसों को सड़कों से हटाया
गौरतलब है कि मांड्या कावेरी बेसिन का सबसे महत्वपूर्ण इलाका है। इस क्षेत्र में कावेरी मुद्दे पर समय-समय पर विरोध-प्रदर्शन होते रहते हैं। प्रदर्शनों के कारण जिले के स्कूल और कॉलेज मंगलवार को बंद रहेंगे। इस दौरान राज्य परिवहन निगम की बसों को भी हाइवे पर जाने से रोक दिया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर करीब 700 केएसआरटीसी सरकारी बसों को सड़कों से हटा लिया गया है। बताया जा रहा है कि रह-रहकर प्रदर्शनकारी उग्र हो जाते हैं। हाइवे पर प्रदर्शन अब भी जारी है।
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सिद्धारमैया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा के लिए कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक से पहले उन्होंने विधानसभा में अलग से भी बैठक की।
क्या कहना है कर्नाटक का?
कर्नाटक का कहना है कि उसके जलाशयों में कम वर्षा के कारण पर्याप्त पानी नहीं है। कर्नाटक ने 10000 क्यूसेक पानी प्रतिदिन देने की पेशकश की है जबकि तमिलनाडु और पानी चाहता है। सुप्रीम कोर्ट ने अगले 10 दिन के लिए हर दिन 15000 क्यूसेक पानी देने का निर्देश दिया है। इस मामले पर अगली सुनावई 16 सितंबर को होगी।
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