नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के समन्वयक से कहा कि राज्य में एनआरसी मसौदे से बाहर रखी गयी आबादी के जिलेवार प्रतिशत का आंकड़ा उसके समक्ष पेश करे। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की पीठ ने ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, ऑल असम माइनोरिटी स्टूडेंट्स यूनियन सहित सभी संबंधित पक्षों से एनआरसी मुद्दे के केंद्र की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर जवाब मांगा।
उच्चतम न्यायालय ने राज्य के एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को निर्देश दिया कि सभी पंचायत कार्यालयों में मसौदा एनआरसी की प्रतियां उपलब्ध कराएं ताकि आम आदमी इसे आसानी से हासिल कर सके। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि असम एनआरसी मुद्दे पर दावे और आपत्तियों से संबंधित फॉर्म आम लोगों को 20 अगस्त से उपलब्ध कराया जाएगा।
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 28 अगस्त तय की। केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि एनआरसी को लेकर 40 लाख लोगों द्वारा दायर दावे और आपत्तियों को जुटाकर बायोमेट्रिक ब्यौरे के माध्यम से उनके अलग आईडी बनाए जाएंगे।
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