दशहरे में होता है रावण दहन, पर इन जगहों पर की जाती है पूजा
दशहरा की बहुत-बहुत बधाईयां आप सभी को। पूरे देश में दशहरें की धूम मची हुई है। जगह-जगह रावण दहन के लिए पुतले बनाए गए हैं। छोटे-छोटे बच्चें दशहरे के शुभ अवसर पर अपने-अपने घरों में मेले में जाने की जिद्द मचा रखी है। रावण दहन के लिए जगह-जगह मेले लगे हैं।
नई दिल्ली : दशहरा की बहुत-बहुत बधाईयां आप सभी को। पूरे देश में दशहरें की धूम मची हुई है। जगह-जगह रावण दहन के लिए पुतले बनाए गए हैं। छोटे-छोटे बच्चें दशहरे के शुभ अवसर पर अपने-अपने घरों में मेले में जाने की जिद्द मचा रखी है। रावण दहन के लिए जगह-जगह मेले लगे हैं। वैसें दशहरा तो पूरें देश में मनाया जाता है लेकिन देश के कई हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
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बता दें कि मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक चिकलाना गांव है। जहां पर विजयदशमी के 6 महीने पहले उसकी नाक काट दी जाती है। बड़ी बात तो यह है कि इस काम में हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्म के लोग हिस्सा लेते हैं। कई जगहों पर दशहरा नहीं मनाया जाता बल्कि दस मुंह वाले रावण की पूजा की जाती है।
राजस्थान का रावण मंदिर
दशहरें के अवसर पर बता दें कि राजस्थान के जोधपुर जिले में मंदोदरी नाम की एक जगह है। मान्यताओं के अनुसार, रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था। वहां चांदपोल इलाके में रावण का मंदिर बनाया गया है। रावण और मंदोदरी के विवाह स्थल पर चवरी नाम की एक छतरी मौजूद है।
आंध्र प्रदेश में शक्तिसम्राट रावण
इसके बाद आंध्रप्रदेश के काकिनाड इलाके में रावण का मंदिर है। यहां दर्शन के लिए आने वाले लोग रामभक्त भी होते हैं और रावण को शक्तिसम्राट मानते हैं। भगवान शिव के साथ इस मंदिर में रावण की भी पूजा की जाती है।
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विदिशा में रावण मंदिर
ये मंदिर है मध्य प्रदेश के विदिशा जिले का। इस मंदिर में राम और रावण दोनों की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, यहां के एक गांव में रावण की पत्नी का मायका है। ससुराल होने के हिसाब से यहां रावण दहन करना पाप माना जाता है। इस गांव में रावण का मंदिर भी बना हुआ है।
मंदसौर में रावण की ससुराल
रावण की ससुराल मध्य प्रदेश के मंदसौर में। ऐसी मान्यता है कि मंदसौर का नाम प्राचीन काल में दशपुर था। बता दें कि ये स्थान रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका बताया जाता है। इस तरह से दामाद होने के नाते से रावण दहन नहीं किया जाता।
बिसरख में रावण के पिता
यूपी में भी बना है रावण का मंदिर। ये यूपी के बिसरख में बना हुआ है। इस गांव का पुराना नाम विश्वेश्वरा था। जिनके बारे में मान्यता है कि वो रावण के पिता था।
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कानपुर का दशानन मंदिर
यूपी के कानपुर के शिवाला में है रावण का दशानन मंदिर। कानपुर का ये मंदिर साल में सिर्फ एक बार विजयदशमी के दिन ही खुलता है। पूरे मंदिर को फूलों से सजाकर रावण की मूर्ति को दूध से नहलाया जाता है। फिर श्रद्धालु दशानन की पूजा करते हैं। सरसों के तेल के दीये जलाएं जाते हैं।
कर्नाटक में रावण पूजा
इसके बाद कर्नाटक के मंडया जिले में रावण की पूजा की जाती है। मंडया जिले के माललवी इलाके में रावण का मंदिर बना हुआ है। कर्नाटक के कोलार जिले में भी रावण का दहन नहीं किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि रावण देवों के देव महादेव का भक्त था, इसलिए रावण की पूजा होती है।
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