सबरीमाला में लगी भक्तों की भीड़, पुलिस ने महिलाओं को अंदर जाने से रोका

सबरीमाला विवाद के बीच दर्शन करने पहुंची 10 महिलाओं को पुलिस ने शनिवार को वापस भेज दिया। 10 से 50 साल की इन महिलाओं को पुलिस ने पंबा में ही रोक लिया था। इसी बीच खबर है कि कई विवादों के बीच सबरीमाला मंदिर का पट खुल गया है।

Update: 2019-11-17 03:23 GMT

तिरूवनंतपुरम: सबरीमाला विवाद के बीच दर्शन करने पहुंची 10 महिलाओं को पुलिस ने शनिवार को वापस भेज दिया। 10 से 50 साल की इन महिलाओं को पुलिस ने पंबा में ही रोक लिया था। बता दें कि सभी महिलाएं आंध्र प्रदेश से आई थीं। इसी बीच खबर है कि कई विवादों के बीच सबरीमाला मंदिर का पट खुल गया है।

इससे पहले केरल सरकार ने कहा था कि वह पब्लिसिटी के लिए आने वाली महिलाओं का समर्थन नहीं करती। केरल के पर्यटन और देवस्वोम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि सबरीमाला पूजा का स्थान है न कि प्रदर्शन का।

यहां पर तृप्ति देसाई जैसी कार्यकर्ताओं के लिए अपनी ताकत दिखाने के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए राज्य सरकार मंदिर में ऐसे किसी भी व्यक्ति के प्रवेश का समर्थन नहीं करेगी जो वहां सिर्फ लोकप्रियता के मकसद से आया है।

केरल सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने की बात कहने वाली महिला सामाजिक कार्यकर्ता को पुलिस सुरक्षा नहीं दी जाएगी। मंत्री के. सुरेंद्रन ने कहा था कि हम उन्हें अंदर नहीं ले जाएंगे। वे कोर्ट का आदेश लेकर आएं।

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कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

सबरीमाला केस में सुनवाई करते हुए पांच जजों की बेंच में से 3 जजों का मानना था कि इस मामले को सात जजों की बेंच को भेज दिया जाए। लेकिन जस्टिस नरीमन और जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे अलग विचार रखे।

अंत में पांच जजों की बेंच ने 3:2 के फैसले इसे 7 जजों की बेंच को भेज दिया। हालांकि, सबरीमाला मंदिर में अभी महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी। जस्टिस नरीमन ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही अंतिम होता है। फैसला अनुपालन करना कोई विकल्प नहीं है।संवैधानिक मूल्यों की पूर्ति करना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए।

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सबरीमाला मसले पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस का असर सिर्फ इस मंदिर नहीं बल्कि मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, अग्यारी में पारसी महिलाओं के प्रवेश पर भी पड़ेगा। अपने फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परंपराएं धर्म के सर्वोच्च सर्वमान्य नियमों के मुताबिक होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला केस को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। अब इस मामले को 7 जजों की बेंच सुनेगी। पांच जजों की बेंच ने इस मामले को 3:2 के फैसले से बड़ी बेंच को सौंप दिया है।

इससे पूर्व में सुनवाई करते हुए अदालत ने 4:1 की सहमति से यह फैसला सुनाते हुए विशेष उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश न करने देने को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था। अदालत के फैसले से पहले केरल को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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