क्रिप्टोकरेंसी पर SC का बड़ा फैसला: अब भारत में कर सकेंगे बिटक्वाइन का इस्तेमाल

बता दें कि आरबीआई ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे।

Update: 2020-03-04 06:19 GMT

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए है। अब देश के सभी बैंक इसका लेन-देन शुरू कर सकते हैं।

बता दें कि आरबीआई ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे।

क्या है मामला?

आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है। जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया।

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आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

यहां बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस करेंसी में कूटलेखन तकनीक का प्रयोग होता है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है।

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यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है।

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