Sona Kaise Banta Hai: जानिए हमारे देश में सोना निकालने की क्या होती है पूरी प्रक्रिया, आसान नहीं है ये काम

Gold Making Process in India: क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में सोना निकालने की पूरी प्रक्रिया क्या होती है साथ ही आपको बता दें कि इसे निकलना आसान नहीं होता है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।;

Report :  Jyotsna Singh
Update:2025-01-17 19:36 IST

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

Bharat Men Sona Kaise Banta Hai: स्वर्ण यानी सोने की धातु का बखान तो हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी पढ़ने को मिलता है। इसका इस्तेमाल आदि काल से ही होता आ रहा है। पुराने जमाने से हमारे देवी देवताओं के आभूषणों से लेकर राजा महाराजाओं के मुकुट और आभूषण, वस्त्र से लेकर, मुद्राएं तक में स्वर्ण का इस्तेमाल होता आया है। यहां तक कि उनके सिंहासन से लेकर दीवारों और दरवाजों पर भी सोने की धातु से कंगूरे सजाए जाते थे। इस बहुमुक्त धातु का आकर्षण आज भी कम नही हुआ है। सोने के बने आभूषणों को खरीदने के लिए महिलाओं में इसकी ऊंची कीमतों के बावजूद भी दिलचस्पी कम होती दिखाई नहीं देती है। बहुमूल्य रत्नों से भी ज्यादा सोना दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली धातुओं में से एक है। यही खूबी इसे कीमती बनाती है। असल में सोने के ऊंची कीमतों के पीछे सिर्फ इसकी खूबियां ही नही बल्कि पत्थर और पानी के भीतर से इस कीमती धातु को निकालने की प्रक्रिया भी इस की कीमत तय करती है।

इस रूप में प्रकृति से मिलता है सोना

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि दुर्लभ या प्रकृति में कम मात्रा में पाई जाने वाली वस्तुओं की कीमतें हमेशा आम आदमी के लिए काफी कीमती साबित होती हैं। यही वजह है कि कम मात्रा में मिलने वाली धातु सोना भी एक बहुत ही कीमती धातु के तौर पर अपना महत्व रखती है। आभूषणों के साथ ही मजबूत पूंजी के तौर पर दुनियाभर में इसकी मांग काफी ज्यादा है। ऐसे में, इसका महंगा होना तो बनता ही है। प्रकृति में सोना स्वतंत्र और संयुक्त दोनों रूप में मिलता है। सोने के अयस्क से शुद्ध सोना प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है। इसलिए भी सोना काफी महंगा हो जाता है। सोना हजारों वर्षों से दबी खदानों के अलावा समुद्र से भी मिलता है। जहां से इसे प्राप्त करने के लिए खनन की प्रोसेस इतनी ज्यादा पेचीदा और रिस्की होती है जो इसके महंगे होने का कारण है। आइए जानते हैं सोने को कैसे निकाला जाता है और अंतिम रूप से इसे किस प्रकार तैयार किया जाता है।

भारत में क्या होती है सोना निकालने की प्रक्रिया

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने भारतीय सोने के बाजार पर गहन विश्लेषण की एक श्रृंखला के हिस्से के रूप में ’भारत में स्वर्ण खनन’ शीर्षक से एक रिपोर्ट भी लांच की थी। WGC ने रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में सोने के खनन की समृद्ध विरासत मौजूद है। लेकिन उद्योग की वृद्धि विरासत की प्रक्रियाओं और कम निवेश के चलते इसमें कमी जरूर आई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, साल 2020 तक भारत में सोने की खान का उत्पादन महज 1.6 टन था। लेकिन लंबी अवधि में यह बढ़कर 20 टन प्रति वर्ष हो सकता है।

भारत में यहां होता है सोने का सबसे अधिक उत्पादन

  • भारत में सोने का सबसे अधिक उत्पादन कर्नाटक राज्य की कोलार ,हुट्टी और उटी नामक खानों से होता है। कर्नाटक के अलावा आंध्र प्रदेश और झारखण्ड में मौजूद हीराबुद्दीनी और केंदरूकोचा की खानों से भी सोना निकाला जाता है।
  • झारखण्ड की एक खदान से एक टन पत्थर से लगभग 4 ग्राम सोना निकाला गया और हर वर्ष औसतन 7 किलोग्राम सोना निकाला जा रहा है।

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

इस रूप में प्राप्त होती है ये कीमती धातु

सोना आमतौर पर या तो अकेले या पारे या सिल्वर के साथ मिश्र धातु के रूप में पाया जाता है। कैलेवराइट, सिल्वेनाइट, पेटजाइट और क्रेनराइट अयस्कों के रूप में भी यह पाया जाता है। अब ज्यादातर स्वर्ण अयस्क या तो खुले गड्ढों से आता है या फिर भूमिगत खानों से। सोना निकालने की 7 प्रक्रियाएं हैं इनमे पहली 4 में मानव के हाथों से होती हैं, जबकि 3 रासायनिक हैं।

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

विस्फोटकों से चट्टानों को तोड़ कर प्राप्त होता है सोना

किसी पत्थर को तोड़कर उसकी जांच भूविज्ञानी करते हैं और फिर उस चिन्हित चट्टान को डाइनेमाइट की मदद से तोड़ा जाता है। 300 से 500 मीटर की गहराई से करीब 1 टन पत्थर निकाला जाता है और पूरे दिन में करीब 300 टन मलबा बाहर निकाला जाता है। सोना एक जगह पर जमा नही होता है और यह स्वर्ण अयस्क के रूप में अलग-अलग जगह मिलता है। इसकी जानकारी हासिल करने के लिए भूवैज्ञानिक निरंतर खोज में सक्रिय रहते हैं।

पत्थरों की पिसाई कर भी हासिल होता है सोना

सोना प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रिया के तहत मलबे के पत्थरों को मशीन की सहायता से बारीक बालू की तरह पीसा जाता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में करीब 4 से 5 घंटे लगते हैं। इससे छानने की प्रक्रिया काफी कठिन और लंबी होती है।

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

बालू को गीला कर भी निकालते हैं सोना

सोने के खदानों में मौजूद बालू से सोना निकालने के लिए पहले इस बालू में पानी डाला जाता है और फिर इस बालू को एक टेबल पर फैलाया जाता है, जिस पर गीला कंबलनुमा कपड़ा बिछा रहता है। यह प्रक्रिया एक वाइब्रेटिंग टेबल पर संपन्न की जाती है, जिसमे पत्थर छन जाता है। जब गीले कण इस बालू से छनकर ऊपर आ जाते हैं, तो सोने के कण इस कंबल में चिपक जाते हैं और मिट्टी बाहर निकल जाती है। इस फिल्टर प्रक्रिया को कई बार दोहराया जाता है।

कंबल को धोने की प्रक्रिया से भी निकाला जाता है सोना

  • पानी में कंबल धोने से सोने के कण अलग हो जाते हैं। सोना मिश्रित इस पानी को टेबल पर डाला जाता है, जहां से पानी बह जाता है और सोने के अंश टेबल पर जमा हो जाते हैं। फिर इस जमा हुए सोने से बिस्किट, ईंट प्लेट और अन्य सामान बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
  • इन सारी विधियों के अलावा कई बार रासायनिक प्रक्रियाओं का भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • इनमें सायनाइड के इस्तेमाल से भी सोना निकाला जाता है।

How Gold Extract in India (Image Credit-Social Media)

खान से निकले पत्थरों और इसके चूर्ण को कार्बन पल्स प्लांट में प्रोसेस करते हैं। इस पर पोटेशियम सायनाइड डालकर दो दिनों तक छोड़ देते हैं। सायनाइड से रासायनिक प्रतिक्रिया के बाद मलबे में छिपा सोना तरल रूप में निकल कर आसानी से बाहर आ जाता है। अयस्क में सोने की मात्रा कम है, तो रासायनिक प्रक्रिया का सहारा लिया जाता है। वहीं दूसरी रासायनिक प्रक्रिया के तहत अमलगमेशन का सहारा लिया जाता है। जिसमें शुद्ध सोना हासिल करने के लिए सभी तरीकों में सबसे पहले सोने के कण मिश्रित पत्थर के चूर्ण को धोया जाता है और मिल में अयस्क को पानी के साथ छोटे-छोटे कणों में पीस लिया जाता है। इसके बाद अयस्क को पारे की परत चढ़ी हुई प्लेटों से होकर गुजारा जाता है। स्वर्ण और पारा मिलकर अमलगम बना लेते हैं। इस प्रक्रिया को अमलगमेशन कहा जाता है। एक बार अमलगम बन जाने के बाद इसे तब तक गर्म किया जाता है, जब तक कि पारा गैस बनकर उड़ नहीं जाता।

इसके बाद सोना बचा रह जाता हैस पारे की गैस बहुत ज्यादा जहरीली होती है और इसीलिए इसके निकलते वक्त सावधानी बहुत ज्यादा सावधानी की जरूरत होती है। इन्हीं वजहों से सोने की कीमतें ज्यादा होती हैं। इसी कड़ी में तीसरी रासायनिक प्रक्रिया के तहत फ्लोटेशन एक और तरीका है, जिसे फ्लोटेशन कहा जाता है। जमीन से निकले सोना मिश्रित चूरे को एक घोल में रखा जाता है, जिसमें झाग बनाने वाले तत्वों के अलावा संग्राहक तत्व और भी कई केमिकल्स भी होते हैं। झाग बनाने वाला तत्व इस पूरे घोल को झाग में बदल देता है। संग्राहक तत्व सोने के कणों को आपस में बांधते हैं, जिससे एक तेलीय लेयर बन जाती है, जो सतह पर हवा के बुलबुलों से जुड़ जाती है। इसके बाद सोने की इस लेयर को सावधानी के साथ अलग कर लिया जाता है। सोना निकालने की ये सारी प्रक्रियाएं बेहद सेंसेटिव होती हैं। दुनिया में सोने की प्रमुख खानों में किम्बरले (अफ्रीका), ग्रैसबर्ग (पापुआ), कार्लिन नवादा (अमेरिका), वेलाडेरो (अर्जेंटीना), लिहिर (पापुआ न्यू गिनी) आदि काफी लोकप्रिय हैं। सोना निकालने के लिए चट्टानों को ब्लास्ट किया जाता है और ड्रिलिंग की जाती है। खनन से पहले भूगर्भशास्त्री और इंजीनियर चट्टानों में सोने की स्थिति का पता लगाते हैं।

साथ ही रेत, बजरी, मिट्टी जैसे प्लेसर जमा से सोना निकाला जाता है। इसमें पैनिंग, स्लुइसिंग जैसे सरल उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। सोना निकालना एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया है यही कारण है कि बाजार में सोने के दाम इतने ज्यादा होते हैं।

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