Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में चूक पर स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को लिखी चिट्ठी, मामले की जांच का दिया हवाला, राजनीति न करने की अपील

Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विपक्षी दलों की नाराजगी के बीच लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर हुई घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है और सांसदों को इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-16 15:39 GMT

 संसद की सुरक्षा में चूक पर स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को लिखी चिट्ठी, मामले की जांच का दिया हवाला, राजनीति न करने की अपील: Photo- Social Media

Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विपक्षी दलों की नाराजगी के बीच लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर हुई घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है और सांसदों को इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए।

स्पीकर ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसदों के निलंबन के मामले को इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि संसद के सदस्यों की ओर से सदन की सुरक्षा के लिए जो सुझाव दिए गए हैं,उन्हें लागू कर दिया गया है।

स्पीकर ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने पत्र में कहा है कि 13 दिसंबर को सदन के अंदर जो घटना हुई है, वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और हम सभी के लिए चिंता का विषय है। सदन के भीतर हो इस घटना पर हमने सामूहिक रूप से चिंता जताई है। मैंने उसी दिन सर्दलीय बैठक बुलाकर सभी दलों के नेताओं से इस बाबत चर्चा की है कि संसद की सुरक्षा को किस तरह मजबूत बनाया जा सकता है। बैठक में सभी दलों के नेताओं की ओर से कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जिन्हें तुरंत लागू कर दिया गया है।

उच्चस्तरीय कमेटी कर रही है जांच

स्पीकर ने अपने पत्र में लिखा है कि सदन के भीतर हुई घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है और इस मामले में सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट आने पर उसे सांसदों के साथ साझा भी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सांसदों के निलंबन की घटना को सदन के भीतर हुई घटना से जोड़कर देखा जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी है जिसका साक्षी पूरा देश रहा है। बिरला ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर फैसला लेना स्पीकर का विशेषाधिकार है। सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए ही मुझे सांसदों के निलंबन का कठोर फैसला लेना पड़ा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

संसदीय मर्यादा का करना होगा पालन

स्पीकर ने कहा कि मेरी हमेशा इस बात की कोशिश रही है कि सदन के भीतर सार्थक चर्चा हो। हमारे प्रयासों के कारण ही सदन ने कार्य उत्पादकता का नया रिकॉर्ड बनाया है। नए संसद भवन में प्रवेश के दौरान ही हम सभी ने मिलकर तय किया था कि लोग तख्तियां या प्लेकार्ड लेकर नहीं आएंगे और सदन के वेल में जाकर हंगामा नहीं करेंगे।

हम सभी को इस बात की जानकारी है कि सदन में नेताओं के आचरण को लेकर पूरे देश में नाराजगी दिखती है। इसलिए हमें संसदीय मर्यादा और शालीनता के मापदंडों का पालन करना होगा। उन्होंने सभी सांसदों से सदन को चलाने और सुरक्षा में सहयोग देने की भी अपील की।

निलंबन का सुरक्षा में चूक से संबंध नहीं

स्पीकर की ओर से लेकर कहीं चिट्ठी पर प्रतिक्रिया जताते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनका संसद की सुरक्षा में चूक से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि ये दोनों अलग-अलग विषय हैं। संसद सदस्यों का निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि वे संसद में पोस्टर लेकर आए और उन्होंने सदन को चलने नहीं दिया। अगर विपक्ष ने इसी तरह संसद को नहीं चलने दिया तो उनकी आवाज सरकार के पास कैसे पहुंच सकेगी।

उल्लेखनीय है कि संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर विपक्ष के भारी हंगामे के बाद स्पीकर ने कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के 13 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। उसके बाद निलंबित सांसदों ने शुक्रवार को गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया था। निलंबित सांसदों ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।

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