NITI Aayog : हर राज्य में होगा अपना 'नीति आयोग', UP में तैयारी शुरू
NITI Aayog: भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सरकार की योजनाओं में प्रत्येक राज्य में अलग अलग नीति आयोग स्थापित करने की है।राज्यस्तरीय नीति आयोग, योजना बोर्डों का स्थान लेंगे।
NITI Aayog: भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सरकार की योजनाओं में प्रत्येक राज्य में अलग अलग नीति आयोग स्थापित करने की है।राज्यस्तरीय नीति आयोग, योजना बोर्डों का स्थान लेंगे। दरअसल, रक्षा, रेलवे और राजमार्ग जैसे क्षेत्रों को छोड़कर, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि राज्यों की विकास दर से निर्धारित होती है। स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल मुख्य रूप से राज्य सरकार के पास हैं। नीति आयोग का मानना है कि व्यापार करने में आसानी, भूमि सुधार, बुनियादी ढांचे के विकास, ऋण प्रवाह और शहरीकरण में सुधार के लिए राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है। ये सभी निरंतर आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
यूपी में तैयारी
ऐसा माना जा रहा है कि यूपी में हाल में रिटायर हुये सीनियर आईएएस अवनीश अवस्थी को राज्य नीति आयोग का कार्य सौंपा जाएगा। यूपी में नीति आयोग की स्थापना का कार्य तेजी से किया जा रहा है। रिटायरमेंट के पहले से ही अवनीश अवस्थी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने के बारे में चर्चा रही है। उनके कार्यकाल में डेवलपमेंट की तमाम योजनायें बनीं और क्रियान्वित की गईं हैं।
पीएम का विज़न
पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था। नीति आयोग ने 6 सितंबर को राज्य योजना सचिवों की बैठक आयोजित करके "राज्य सहायता मिशन" की शुरुआत की है। राज्यों को केंद्रीय नीति आयोग के अलावा आईआईएम और आईआईटी के विशेषज्ञों का सहयोग मिलेगा। प्रारंभ में लक्ष्य है कि 8-10 राज्यों में नीति आयोग बन जाएं। इसके बाद मार्च 2023 तक सभी राज्यों में इनकी स्थापना कर दी जाएगी। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम ने इस संबंध में पहले ही काम शुरू कर दिया है, जबकि महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र सूत्रों ने कहा कि प्रदेश और गुजरात में जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है।
जनवरी 2015 में मोदी सरकार ने 65 वर्षीय योजना आयोग को नीति आयोग के साथ प्रतिस्थापित कर दिया था। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से विकास पर एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण बनाने के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में निकाय बनाना है। हालांकि, अधिकांश राज्यों ने अब तक अपने योजना विभागों/बोर्डों को फिर से जीवंत करने के लिए बहुत कम काम किया है। राज्यों के बोर्ड पहले योजना आयोग के साथ काम करते थे और केंद्र के साथ समानांतर राज्य पंचवर्षीय योजनाएं तैयार करते थे।
अधिकांश राज्यों के नियोजन विभाग लगभग निष्क्रिय हैं और उन्हें कोई स्पष्टता नहीं है कि वे क्या काम करेंगे। अब नीति आयोग द्वारा टीमों के निर्माण में मदद करने के लिए एक योजना तैयार की गई है जो राज्य योजना बोर्डों की मौजूदा संरचना की जांच करेगी, और अगले 4-6 महीनों में राज्य परिवर्तन संस्थान (एसआईटी) की अवधारणा बनाएगी।
एसआईटी में प्रोफेशनल्स की एंट्री को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य नियोजन बोर्डों को एसआईटी के रूप में परिवर्तित करने के अलावा, एक खाका तैयार किया जाएगा कि यह नीति निर्माण में राज्यों का मार्गदर्शन कैसे करेगा, सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों की निगरानी और मूल्यांकन करेगा, और योजनाओं के वितरण के लिए बेहतर तकनीक या मॉडल का सुझाव देगा।