JNU में बढ़ी फीस पर बवाल: 'ऐसे ही चलता रहा तो पढ़ाई छोड़ने को होंगे मजबूर'

देश की राजधानी दिल्ली के जेएनयू में 11 नवंबर को तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हुए थे।

Update:2019-11-12 11:14 IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के जेएनयू में 11 नवंबर को तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हुए थे। इस बीच जेएनयू छात्र संघ ने विरोध मार्च निकाला था। यह विरोध मार्च हॉस्टल फीस बढ़ाने और ड्रेस कोड के मसले पर हो रहा था। स्टूडेंट्स, वाइस चांसलर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

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हॉस्टल फीस बढ़ाने का मामला काफी बढ़ता दिख रहा है

हॉस्टल फीस बढ़ाने का मामला काफी बढ़ता दिख रहा है। दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को छात्रों ने करीब छह घंटे तक घेरे रखा। छात्रों का साफ कहना था कि हमें सस्ती शिक्षा के साथ ही दीक्षांत समारोह मंजूर है। बिहार के राजगीर की रहने वाली जेएनयू छात्रा कुमारी चैत्रा बताती हैं कि वह 10वीं के बच्चों को कोचिंग देती हैं ताकि NIT अगरतला में पढ़ रहे अपने भाई को कुछ पॉकेट मनी भेज सकें।

एमए पश्तो की छात्रा कुमारी चैत्रा बताती हैं कि यूनिवर्सिटी के नए हॉस्टिल मैनुअल के चलते उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी। 28 अक्टूबर से लागू हुआ नया मैनुअल उनकी परेशानियों को बढ़ाने वाला है। वह कहती हैं, 'मुझे यह नहीं पता कि मैं एक्स्ट्रा चार्जेज किस तरह से चुका पाऊंगी। मुझे अपनी पढ़ाई बीच में भी छोड़नी पड़ सकती है।' दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहीं चैत्रा के अलावा अन्य कई छात्रों का कहना है कि यदि ऐसा ही रहा तो उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ सकती है।

एमए फारसी के छात्र मोहम्मद कहते हैं कि कमाई का अन्य कोई जरिया न होने और परिवार से कम सपॉर्ट के चलते हमें अपनी फीस चुकाने के लिए स्कॉलरशिप पर ही निर्भर रहना पड़ता है। अब हमें करीब 7,000 रुपए चुकाने होंगे। मेरे पिता का 7 साल पहले इंतकाल हो गया था और मैं अपने भाईयों पर पैसों के लिए दबाव नहीं डाल सकता।

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सुविधाएं पहले कितनी थी फीस अब कितनी होगी

सिंगल सीटर रूम 20 रुपए 600 रुपए

डबल सीटर 10 रुपए 300 रुपए

सर्विस चार्ज मुफ्त 1700 रुपए के करीब

कैंटीन 1980 2,000 से 4,000 तक

जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेजिडेंट साकेत मून दावा करते हैं कि यूनिवर्सिटी की 48वीं सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 40 % छात्र ऐसे हैं, जिनके पैरेंट्स की इनकम 1.4 लाख सालाना से कम है। मून कहते हैं, 'हॉस्टल का सालाना चार्ज कम से कम 56,000 रुपए हो जाएगा। इससे गरीब छात्रों पर दबाव बढ़ जाएगा।'

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