Surgical Strike: भारतीय जांबाजों ने POK में घुसकर तबाह कर दिए थे आतंकी ठिकाने, 19 जवानों की शहादत का लिया था बदला
Indian Army Surgical Strike: पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद को कड़ा जवाब देते हुए 6 साल पहले आज के दिन भारत ने उरी में 18 सितंबर 2016 को दुश्मन के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
Indian Army Surgical Strike: पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से प्रायोजित आतंकवाद (terrorism) को कड़ा जवाब देते हुए 6 साल पहले आज के दिन भारत ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। उरी में 18 सितंबर 2016 को 19 भारतीय जवानों की शहादत के 10 दिन बाद भारतीय जांबाजो ने दुश्मन के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान तीन दर्जन से अधिक आतंकी मारे गए और पाकिस्तान की जमीन पर बने आतंकी ठिकानों को कब्रगाहों में तब्दील कर दिया गया। भारतीय सेना की ओर से की गई इस जबर्दस्त सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) की कल्पना किसी ने नहीं की थी।
पाकिस्तान को दिया था मुंहतोड़ जवाब
भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) के लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने 29 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सर्जिकल स्ट्राइक का खुलासा किया था। उन्होंने पूरी दुनिया को भारतीय सेना की बहादुरी की दास्तान बताते हुए कहा था कि भारत ने सीमा पार आतंकियों के लांचिंग पैड को सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए तबाह कर दिया है।
भारतीय सेना ने पहली बार एलओसी पार करके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लांचिंग पैड पर हमला बोला था। सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए भारत ने उरी हमले का बदला लेने के साथ ही पाकिस्तान को आतंकी हरकतें करने पर मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी भी दे दी थी।
उरी हमले के बाद था गुस्से का माहौल
दरअसल 18 सितंबर 2016 को उरी में हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 19 जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल था। चार आतंकियों ने एलओसी पार करने के बाद भारतीय सैनिकों के वेश में यह हमला किया था। उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर आतंकी हमले के दौरान इन आतंकियों ने 3 मिनट के भीतर 15 से ज्यादा ग्रेनेड फेंके थे। इस आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे। हालांकि बाद में सेना की ओर से भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया था और चारों आतंकी मार गिराए गए थे।
बाद में इस आतंकी हमले की गहराई से जांच पड़ताल की गई थी। यह भारतीय सेना पर पिछले 20 वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला था और इसे लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल था। इतनी ज्यादा संख्या में भारतीय जवानों की शहादत के बाद बदला लेने की मांग भी जोरदार तरीके से उठी थी। जांच पड़ताल में इन आतंकियों के पाकिस्तान से आने और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा होने की बात की पुष्टि हुई थी।
पूरी तरह कामयाब रही सर्जिकल स्ट्राइक
इसके बाद ही सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी योजना पर काम शुरू कर दिया गया था। उरी हमले के बाद दिल्ली में कई राउंड हाईलेवल बैठकें चलीं और इन बैठकों में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने का फैसला किया गया। काफी गोपनीय तरीके से पाकिस्तान में चल रहे आतंकी कैंपों और उन्हें मदद दे रही पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला किया गया। इस मिशन में 150 घातक कमांडो की मदद ली गई थी और उन्हें दुश्मन के ठिकानों को पूरी तरह तबाह करने का आदेश दिया गया था।
भारतीय कमांडो ने पूरी कामयाबी के साथ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देते हुए दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था। 29 सितंबर की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की खबर सुनकर पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई थी।
इस तरह दिया गया सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम
सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। भारतीय जवान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में करीब तीन किलोमीटर भीतर तक घुस गए थे और इस दौरान उन्होंने आतंकियों के तमाम अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया। आधी रात को की गई इस कार्रवाई के दौरान काफी संख्या में आतंकी नींद के दौरान ही मारे गए। सेना के सूत्रों के मुताबिक करीब 25 कमांडो ने इस मिशन को पूरा किया गया था जबकि 150 कमांडो सीमा के पास ही बैकअप में रखे गए थे।
एलओसी के पास रुके इन कमांडो को जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई थी। हालांकि इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि 25 कमांडो ने ही पूरे ऑपरेशन को बखूबी अंजाम दिया था। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 40 आतंकियों के साथ पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए थे। सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों के मारे जाने और आतंकी ठिकानों के नष्ट होने की खबर मिलने के बाद पूरा देश खुशी से झूम उठा था।