अपना भारत संवाददाता
हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी का एक दांव उल्टा पड़ गया। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी व कांग्रेस अध्यक्ष पर किसानों के जरिये निशाना साधने की कोशिश की मगर उनके लिए यह दांव उल्टा पड़ गया।
सीएम की बेटी कलवकुंतला कविता ने 1000 किसानों से अपील की थी कि वे वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ पर्चा दाखिल करें। उन्होंने कहा कि अगर किसानों ने यह कदम उठाया तो इससे दोनों नेताओं को देश में किसानों की दुर्दशा के बारे में पता चलेगा। दोनों नेता अभी तक किसानों की बुरी हालत से अनजान हैं। निजामाबाद से सांसद कलवकुंतला ने अपने संसदीय क्षेत्र में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही थी।
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250 किसानों ने भरा पर्चा
टीआरएस नेता का यह दांव उल्टा पड़ गया और हल्दी पैदा करने वाले 250 किसानों ने उनके खिलाफ ही निजामाबाद से पर्चा दाखिल कर दिया। जिन लोगों ने कलवकुंतला के खिलाफ पर्चा दाखिल किया है, उनमें बालकोंडा की रहने वाली 28 वर्षीय महिला किसान ए रजिता भी शामिल हैं। रजिता ने कहा कि वह किसानों के संकट में मदद नहीं करने पर केंद्र और राज्य सरकार के अक्षम रहने पर हजारों अन्य किसानों के साथ आवाज उठाना चाहती थीं। इसीलिए उन्होंने सीएम की बेटी के खिलाफ पर्चा दाखिल किया है। बालकोंडा के रहने वाले किसान और नामांकन दाखिल करने वाले एस रवि ने कहा कि समय के साथ जब अंतिम संख्या आएगी तो हम आशा करते हैं कि यह आंकड़ा 300 से अधिक पहुंच जाएगा। टीआरएस नेता के खिलाफ नामांकन करने वाले किसानों में हल्दी के अलावा गन्ना और ज्वार की खेती करने वाले किसान शामिल हैं।
किसानों को समझाने का प्रयास
सूत्रों के मुताबिक राजनेता इन किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अपना नामांकन वापस ले लें। नेता यहां तक वादा कर रहे हैं कि वे किसानों को उनकी उपज पर कुछ बोनस भी देंगे। नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन बड़ी संख्या में किसानों ने निजामाबाद में चुनाव अधिकारी के कार्यालय के बाहर लाइन लगाकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया। ये किसान हल्दी के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं।
चतुष्कोणीय मुकाबले की उम्मीद
आंध्र प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बने तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं। राज्य की सभी सीटों पर एक ही चरण में 11 अप्रैल को मतदान होने वाला है। राज्य में मुख्य रूप से तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस), बीजेपी और कांग्रेस के बीच लड़ाई मानी जा रही है। वैसे इस बार बीएसपी ने भी जनसेना पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। ऐसे में कुछ राजनीतिक विश्लेषक राज्य में चतुष्कोणीय मुकाबला होने की उम्मीद जता रहे हैं।