Railway Officer Recruitment: रेलवे में अफसर भर्ती का नया सिस्टम लागू, यूपीएससी कराएगा परीक्षा
Railway Officer Recruitment: रेल मंत्रालय ने फैसला किया है कि भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) में भर्ती वर्ष 2023 से संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी।
Railway Officer Recruitment: रेल मंत्रालय ने फैसला किया है कि भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (Indian Railway Management Service) (आईआरएमएस) में भर्ती वर्ष 2023 से संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) द्वारा आयोजित की जाएगी। केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) और यूपीएससी के परामर्श से रेलवे मंत्रालय ने ये फैसला किया है। ये परीक्षा यूपीएससी द्वारा एक विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। इसका उपयोग अधिकारियों को भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सेवाओं में भर्ती करने के लिए किया जाएगा।
आईआरएमएस,दो चरण की परीक्षा होगी - प्रारंभिक स्क्रीनिंग परीक्षा, उसके बाद मुख्य लिखित परीक्षा और फिर साक्षात्कार होगा।परीक्षा के दूसरे चरण यानी आईआरएमएस (मुख्य) लिखित परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की एक उपयुक्त संख्या की स्क्रीनिंग के लिए, सभी पात्र उम्मीदवारों को सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में उपस्थित होने की आवश्यकता होगी। यानी सिविल सेवा प्रीलिम परीक्षा देनी होगी।
आईआरएमएस (मुख्य) परीक्षा के क्वालीफाइंग प्रश्न पत्र :
पेपर ए - संविधान में आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं से कोई भी भारतीय भाषा - 300 अंक
पेपर बी - अंग्रेजी - 300 अंक
वैकल्पिक विषय 1 - 250 अंक
वैकल्पिक विषय 2 - 250 अंक
पर्सनालिटी टेस्ट - 100 अंक
वैकल्पिक विषय : सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कॉमर्स और एकाउंट्स।
क्वालीफाइंग पेपर्स और वैकल्पिक विषयों का पाठ्यक्रम सिविल सेवा परीक्षा के समान होगा। आईआरएमएस परीक्षा में सिर्फ वह कैंडिडेट बैठ पाएंगे जिनके पास इंजीनियरिंग में डिग्री या कॉमर्स में डिग्री या चार्टर्ड अकाउंटेंसी में डिग्री है।
प्रस्तावित परीक्षा योजना आईआरएमएस (मुख्य) परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए सिविल सेवा (पी) परीक्षा का उपयोग करेगी और इन दोनों परीक्षाओं का मुख्य लिखित हिस्सा एक साथ आयोजित किए जाएंगे।
वर्ष 2023 के लिए यूपीएससी की परीक्षाओं की वार्षिक अनुसूची के अनुसार, सिविल सेवा (पी) परीक्षा - 2023 को क्रमशः 01.02.2023 और 28.05.2023 को सूचित और आयोजित किया जाना है।
पहले और अब में फर्क
ग्रुप ए आईआरएमएस अधिकारी रेलवे की 10 अलग -अलग संगठित सेवाओं में से किसी में भी सेवा कर सकते हैं। इन्हें तीन अलग -अलग कैडरों में बांटा गया है : तकनीकी सेवाएं, प्रशासनिक व लेखा सेवाएं और चिकित्सा सेवाएं। वर्तमान में, इन तीनों के लिए भर्ती यूपीएससी द्वारा आयोजित तीन प्रमुख परीक्षाओं के माध्यम से की जाती है।
ये तीन परीक्षाएं हैं - इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, सिविल सेवा परीक्षा और मेडिकल सेवा परीक्षा।
नई प्रणाली के तहत, पहले दो कैडर को एक सामान्य भर्ती प्रक्रिया के साथ, आईआरएमएस परीक्षा के माध्यम से भर्ती किया जाएगा।
बदलाव के परिणाम
आईआरएमएस परीक्षा का तत्काल प्रभाव ये पड़ने वाला है कि उम्मीदवार रेलवे में भर्ती के लिए कैसे तैयार करते हैं, और किस तरह के उम्मीदवार रेलवे सेवाओं में शामिल हो सकते हैं।
सबसे पहले तो आईआरएमएस उम्मीदवारों के लिए पात्रता सिविल सेवा परीक्षा से अलग होगी। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता में इंजीनियरिंग, कॉमर्स या चार्टर्ड अकाउंटेंसी में डिग्री शामिल है। इसका मतलब यह है कि आईआरएमएस में अब सामाजिक विज्ञान या शुद्ध विज्ञान में पृष्ठभूमि वाले अधिकारी शामिल नहीं होंगे।पहले, तकनीकी कैडरों के लिए भर्ती करने वालों की योग्यता समान थी। लेकिन सिविल सेवा परीक्षा के जरिये भर्ती होने वालों के लिए ऐसा नहीं था जहां कोई भी स्नातक डिग्री धारी व्यक्ति आवेदन करने के लिए योग्य हुआ करता था।
आईआरएमएस परीक्षा में अब इंजीनियरिंग या कॉमर्स पृष्ठभूमि वाले छात्रों को लाभ होगा क्योंकि अब उनके पास विशेष रूप से एक और एवेन्यू खुला होगा। पहले के सिस्टम में सिविल सेवा परीक्षा के जरिये रेलवे सेवाओं समेत कई सेवाओं में भर्ती होती थी। उम्मीदवारों की रैंक और वरीयता के जरिये उन्हें किसी सेवा में भेजा जाता था। नए सिस्टम के तहत, एक समर्पित आईआरएमएस परीक्षा के साथ, केवल ऐसे उम्मीदवार ही आवेदन कर सकेंगे जो रेलवे में काम करने में रुचि रखते हैं।
इसके अलावा, सिविल सर्विसेज (प्रिलिम) परीक्षा तकनीकी और प्रशासनिक दोनों भर्तियों के लिए प्रासंगिक होगी। विशेष रूप से इंजीनियरिंग उम्मीदवारों के लिए परीक्षा की तैयारी अब अलग तरह की होगी। पहले के सिस्टम में इंजीनियरिंग सेवाओं के लिए प्रारंभिक परीक्षा पास करने के लिए सामान्य अध्ययनों की केवल एक बुनियादी समझ की आवश्यकता होती थी।
नई प्रणाली में प्रतिभागियों को सिविल सर्विसेज (प्रिलिम) परीक्षा में सामान्य अध्ययन के व्यापक ज्ञान और समझ की आवश्यकता होगी। इस तरह प्रशासनिक कैडर के लिए अब अधिक तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होगी, जबकि तकनीकी पृष्ठभूमि के लोगों से अधिक सामान्य ज्ञान होने की उम्मीद की जाएगी। भारतीय वन सेवा में पहले से ही भर्ती की एक ऐसी ही समान प्रणाली है।