Venugopal Dhoot: लोन घोटले के मामले पर वीडियोकॉन ग्रुप चेयरमैन वीएन धूत की मिली राहत, हाई कोर्ट ने दी जमानत
Videocon Loan Fraud Case: सीबीआई ने 26 दिसंबर, 2022 को धूत को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। इस मामले की सुनाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पीके चव्हाण की खंडपीठ कर रहे थे।
Videocon Loan Fraud Case: वीडियोकॉन ग्रुप के गिरफ्तार चेयरमैन वीएन धूत को लोन धोखाधड़ी के मामले में बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने वीडियोकॉन ग्रुप के गिरफ्तार चेयरमैन वीएन धूत को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। इसके अलावा बॉम्बे हाई कोर्ट ने धूत की गिरफ्तार पर केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को कड़ी फटकार भी लगाई है।
दरअसल, आईसीआईसीआई बैंक के लोन धोखाधड़ी के मामले में CBI ने वीडियोकॉन संस्थापक वीएन धूत के साथ आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोच और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद वीडियोकॉन के संस्थापक ने 9 जनवरी, एक खंडपीठ द्वारा जमानत दिए जाने को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फैसला पहले ही सुरक्षित कर लिया था, जिस पर आज आदेश दिया।
बिना दिमाग लगाए हुई गिरफ्तारी
इस मामले पर वीडियोकॉन संस्थापक धूत के गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए, इसे अनौपचारिक और यांत्रिक" तरीके से और बिना दिमाग लगाए गिरफ्तारी करार दिया। धूत की ओर से पेश हुई वकील ने च्च न्यायालय को बताया कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी अनुचित थी, क्योंकि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे थे। वहीं, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दावा किया कि वह जांच से बचने की कोशिश कर रहा था।
26 दिसंबर 2022 को धूत हुए थे गिरफ्तार
आपको बता दें कि सीबीआई ने 26 दिसंबर, 2022 को धूत को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। इस मामले की सुनाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पीके चव्हाण की खंडपीठ कर रहे थे। खंडपीठ ने धूत के वकील संदीप लड्ढा और सीबीआई के वकील राजा ठाकरे दोनों को सुनने के बाद पहले अंतरिम राहत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई ने इन लोगों को बनाया आरोपी
आपको बता दें कि सीबीआई ने आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दीपक कोचर, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL), वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (VIEL) और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा प्रबंधित कंपनियों नूपावर रिन्यूएबल्स (NRL) के साथ कोचर और धूत को 2019 में दर्ज अपनी प्राथमिकी में आरोपी बनाया था।
यह था पूरा मामल
सीबाई का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन करते हुए धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं स्वीकृत की थीं। 2009 में चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली एक स्वीकृति समिति ने एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके बैंक के नियमों और नीतियों के उल्लंघन में वीआईईएल को 300 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया। वहीं, कर्ज चुकाने के एक दिन बाद धूत ने SEPL के माध्मय से VIEL से 64 करोड़ रुपये NRL को ट्रांसफर कर दिए थे।