'मनुस्मृति को मानने वालों...' राहुल गांधी का अमित शाह के आंबेडकर बयान पर तीखा हमला
राज्यसभा में संविधान पर चल रही बहस में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरक्षण और संविधान से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष को घेरते हुए अपने बयान दिए। लेकिन शाह के भाषण का एक क्लिप अब चर्चा का केंद्र बन गया है।राहुल गांधी ने गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से परेशानी तो होगी ही।
राज्यसभा में संविधान पर चल रही बहस में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने आरक्षण और संविधान से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष को घेरते हुए अपने बयान दिए। लेकिन शाह के भाषण का एक क्लिप अब चर्चा का केंद्र बन गया है। इस क्लिप में अमित शाह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। अगर भगवान का इतना नाम लेते, तो सात जन्मों तक स्वर्ग में रहते। इस बयान पर कांग्रेस नेताओं ने तीखा विरोध किया है।
राहुल गांधी ने गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से परेशानी तो होगी ही। अमित शाह के इस बयान से संसद में बुधवार को हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है, और कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जयराम रमेश, और केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर शाह से माफी की मांग की है। इस बीच, इमरान प्रतापगढ़ी का भी एक वीडियो बयान जल्द जारी होने वाला है, जो इस विवाद को और बढ़ा सकता है।
अमित शाह का बयान बीजेपी की घृणा को दर्शाता है: मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शाह ने सदन में बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर का अपमान किया है, और इससे यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी और आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे। खरगे ने आरोप लगाया कि उनके पूर्वजों ने अशोक चक्र का विरोध किया और संघ परिवार शुरू से ही भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति को लागू करना चाहता था, लेकिन डॉ. अंबेडकर ने इसे संभव नहीं होने दिया, यही वजह है कि बीजेपी को अंबेडकर से इतनी घृणा है। खरगे ने आगे कहा, मोदी सरकार के मंत्री ये समझ लें कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए डॉ. अंबेडकर भगवान से कम नहीं हैं। वह दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यकों और गरीबों के मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे।