नई दिल्ली: नोटबंदी ओर जीएसटी पर महीनों बीजेपी की नीतियों और केंद्र सरकार के कामकाज पर निशाना साध रहे असंतुष्ट वरिष्ठ पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार (30 जनवरी) को एक गैर राजनैतिक मंच शुरू किया। 'राष्ट्र मंच' के नाम से शुरू किए गए इस मोर्चे में बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के नेतृत्व में कई नेता शामिल हुए।
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा, कि उनका संगठन राष्ट्र मंच एक गैर राजनीतिक कार्रवाई समूह है। यह केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा। यशवंत सिन्हा ने मौजूदा स्थिति की तुलना 70 साल पहले के समय से की, जब महात्मा गांधी की 30 जनवरी के ही दिन हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा, कि लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को ‘भिखारियों की स्थिति’ में ला दिया है। सिन्हा ने सरकार पर अपने हितों के अनुरूप 'मनगढ़ंत' आंकड़े पेश करने का भी आरोप लगाया।
देश के लोग डर में जी रहे
यशवंत सिन्हा ने आर्थिक और विदेश नीतियों के लिए सरकार पर हमले किए। उन्होंने कहा, 'डर में जी रहे हैं पूरे देश के लोग, पर बीजेपी में सबसे ज्यादा डरे हुए हैं, हम नहीं।' उन्होंने कहा, कि 'देश में संवाद और चर्चा 'असभ्य, एकतरफा और खतरनाक' हो गई है।' उन्होंने दावा किया, ‘ऐसा लगता है कि भीड़ का काम न्याय देने का हो गया है।’
यह गैर दलीय राजनैतिक कार्रवाई समूह होगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'बजट सत्र के पहले चरण में प्रभावी रूप में सिर्फ चार कामकाजी दिन होंगे। यह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, कि किसानों के मुद्दे को उठाना उनके संगठन की शीर्ष प्राथमिकता होगी। वरिष्ठ नेता ने हालांकि दावा किया कि राष्ट्र मंच एक गैर दलीय राजनैतिक कार्रवाई समूह होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मंच किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है और राष्ट्रीय मुद्दों पर जोर देने के लिए वह कार्य करेगा। उन्होंने कहा, ‘यह कोई संगठन नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय आंदोलन है।’