केंद्र से फिर तनातनी के रास्ते पर ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून लागू न करने का खुला ऐलान
Mamata Banerjee on Waqf: शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी फर्जी हिंदू हैं। अपनी भाषा और आचरण से उन्होंने इसे एक बार फिर सिद्ध कर दिया है।;
Mamata Banerjee on Waqf: वक्फ संशोधन कानून को लेकर बढ़ते विरोध के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। कोलकाता में जैन समुदाय के कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की संपत्ति की रक्षा करूंगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे कोई बांट कर राज कर सके।
लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद वक्फ संशोधन कानून को 8 अप्रैल से पूरे देश में लागू कर दिया गया है मगर ममता के ऐलान से साफ हो गया है कि वह एक बार फिर केंद्र सरकार से टकराव के रास्ते पर चल रही हैं। ममता के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए पश्चिम बंगाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी फर्जी हिंदू हैं। अपनी भाषा और आचरण से उन्होंने इसे एक बार फिर सिद्ध कर दिया है।
बंगाल के अल्पसंख्यकों की रक्षा का ऐलान
वक्फ कानून के खिलाफ मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमकर हिंसा हुई थी। इस हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बड़ा बयान सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस के मुखिया ममता बनर्जी ने आज कहा कि वे राज्य में अल्पसंख्यकों और उनकी संपत्ति की रक्षा करने के लिए कृत संकल्प हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात को जानती हूं कि वक्फ अधिनियम लागू होने से आप दुखी हैं। आप इस बात का भरोसा रखें कि पश्चिम बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे कोई लोगों को बांट कर राज कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल के लोगों को ऐसे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो उन्हें राजनीतिक आंदोलन शुरू करने के लिए उकसाते हैं। मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार को हुई हिंसा का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों की हालत देखिए। ऐसे माहौल में वक्फ कानून नहीं बनाया जाना चाहिए था। पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 33 फीसदी है और इन लोगों के साथ मैं क्या करूंगी? ऐसी स्थिति में वक्फ संशोधन कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा।
आंदोलन के लिए उकसाने वालों से सतर्क रहें
उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि कभी बंगाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत सभी सभी एक साथ थे। बाद में देश का विभाजन हुआ। देश का बंटवारा होने के बाद जो लोग यहां रह रहे हैं, उन्हें सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि उन्हें कुछ लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्हें आंदोलन के लिए उकसाने वालों से सतर्क रहना चाहिए। हमें एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए जब तक दीदी यहां है तब तक वह आपकी और आपकी संपत्ति की रक्षा करेगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि वे सभी धर्मों से जुड़े हुए स्थलों पर जाती रही हैं और आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगी। अगर आप मुझे गोली भी मार देंगे तो भी मुझे उस एकता से अलग नहीं कर पाएंगे। सभी धर्म, जाति और पंथ में मानवता के लिए प्रार्थना की जाती है और हम सभी धर्मों और जातियों से प्यार करते हैं।
मुस्लिम वोट बैंक को सहेजने की कोशिश
ममता बनर्जी ने इस ऐलान के जरिए राज्य में मतदाताओं को खुश रखने का प्रयास किया है। पश्चिम बंगाल के पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को मुस्लिम मतदाताओं का खासा समर्थन मिलता रहा है। पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले ममता बनर्जी ने एक बार फिर मुस्लिम समीकरण साधने के लिए बड़ा ऐलान किया है।
ममता बनर्जी के इस ऐलान के बाद केंद्र सरकार के साथ उनका टकराव होना तय माना जा रहा है। वैसे वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं और अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई हैं।
और तीखा हो सकता है भाजपा का हिंदुत्व का तेवर
दूसरी ओर भाजपा राज्य में हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है। रामनवमी के मौके पर भाजपा,विहिप और संघ की ओर से राज्य में 2000 से अधिक शोभायात्राएं निकाली गई थीं। ममता बनर्जी के इस ऐलान के बाद भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति और आक्रामक हो सकती है। ममता के बयान पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंद्र अधिकारी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के बयान से साफ हो गया है कि वे फर्जी हिंदू हैं और उन्होंने अपने भाषा और आचरण से इस बात को सिद्ध किया है। मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर हिंदुओं की दुकानों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस पर हमला किया गया। इसके बावजूद ममता बनर्जी ने चुप्पी साध रखी है।