जानिए क्या होता है सुपरसोनिक बूम, जिसकी आवाज से दहल गया अमृतसर

वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान से सटे पंजाब और जम्मू-कश्मीर में गुरुवार रात को अभ्यास किया। इस दौरान लड़ाकू विमानों ने सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरी। रात करीब 1.30 बजे विमानों की गड़गड़ाहट सुनकर लोगों ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए।

Update:2019-03-15 17:57 IST

नई दिल्ली: वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान से सटे पंजाब और जम्मू-कश्मीर में गुरुवार रात को अभ्यास किया। इस दौरान लड़ाकू विमानों ने सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरी। रात करीब 1.30 बजे विमानों की गड़गड़ाहट सुनकर लोगों ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए।

दो दिन पहले पाकिस्तान के विमानों ने पीओके में ऐसा ही अभ्यास किया था। भारतीय वायुसेना के इस अभ्यास को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। कई घरों की तो कांच की खिड़कियां तक टूट गईं।

बाद में पता चला कि पंजाब में पाकिस्तान सीमा के पास भारतीय वायु सेना अभ्यास कर रही थी और यह आवाज सुपरसोनिक बूम की वजह से हुई है।

दरअसल अभ्यास के दौरान बड़ी संख्या में वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पंजाब और जम्मू क्षेत्र के ऊपर सुपर सोनिक बूम तैयार कर दिया था। इसी वजह से विमानों के गुजरने के बाद भारी विस्फोट की आवाजें सुनी दीं। आइए बतातें हैं क्या होती है यह सुपर सोनिक बूम?

सुपर सोनिक बूम या सोनिक बूम को किसी भी विमान या वस्तु द्वारा पैदा किया जाता है जो ध्वनि की स्पीड (1238 किमी/घंटा) से तेज चलती हैं। सुपर सोनिक का मतलब ध्वनि से तेज होता है। सोनिक बूम एक तरह की चौंका देने वाली तरंगें होती हैं। इस स्पीड में चलने वाले विमानों से इतनी तेज आवाज पैदा होती है कि जमीन पर बम विस्फोट या बादलों की गड़गड़ाहट जैसी आवाज सुनाई देती है।

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जब कोई विमान हवा में उड़ता है तो साउंड वेव यानी ध्वनि तरंगे पैदा करता है। जब विमान ध्वनि की गति से कम स्पीड से उड़ता है तो साउंड वेव विमान के आगे की ओर रहते हैं, लेकिन जब विमान साउंड बैरियर तोड़कर ध्वनि की स्पीड से भी ज्यादा तेज चलता है तो यह एक सोनिक बूम पैदा करता है। इसमें आपको विमान आने पर पहले कोई आवाज नहीं आती, लेकिन विमान के गुजरते ही तेज धमाके जैसा बूम होता है।

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जब कोई विमान ध्वनि की गति से कम स्पीड से उड़ता है तो उसके द्वारा उत्पन्न प्रेशर डिस्टरबेंस या साउंड सभी दिशाओं में फैल जाती है, लेकिन सुपरसोनिक स्पीड में प्रेशर फील्ड एक खास इलाके तक सीमित होता है, जो अक्सर विमान के पिछले हिस्से में फैलती है और एक सीमित चौड़े कोन में आगे बढ़ती है जिसे मैक कोन कहा जाता है।

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विमान के आगे बढ़ने के साथ ही पीछे की ओर कोन का पैराबोलिक किनारा पृथ्वी से टकराता है और एक जबर्दस्त धमाका या बूम पैदा करता है। जब इस तरह का विमान काफी लो अल्टीट्यूड में या नीचे उड़ता है, तो यह शॉक वेव इतनी ज्यादा तीव्रता का होता है कि इनसे खिड़कियों के शीशे तक टूट सकते हैं।

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यह तीव्रता इस बात पर निर्भर है कि विमान धरती से कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा है, साथ ही यह विमान के आकार और आकृति पर भी निर्भर करती है। इसके अलावा यह विमान के वायुमंडलीय दबाव, तापमान और हवा की गति पर भी निर्भर करता है। अगर कोई विमान बहुत लंबा है तो डबल सोनिक बूम पैदा होता है, एक आगे की तरफ से और दूसरा पिछले हिस्से से।

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