Zomato का नया अवतार: डोर-टू-डोर पहुंचाएगी शराब, ऐसे उठायें फायदा 

पूरे देश में शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी लाईनें देखने को मिली। देशभर में शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए फूड डिलीवरी एप जोमैटो भारत में शराब की होम डिलीवरी करने की तैयारी कर रही है। लॉक डाउन के बाद जोमैटो ने भारत में ग्रोसरी डिलीवरी की भी शुरुआत की थी।

Update:2020-05-07 18:45 IST

नई दिल्ली: लॉक डाउन के कारण लोग शराब के लिए कितने बेताब थे। ये उस दिन पता चल गया जिस दिन राज्यों में शराब की बिक्री की इजाजत मिल गई। पूरे देश में शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी लाईनें देखने को मिली। देशभर में शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए फूड डिलीवरी एप जोमैटो भारत में शराब की होम डिलीवरी करने की तैयारी कर रही है। लॉक डाउन के बाद जोमैटो ने भारत में ग्रोसरी डिलीवरी की भी शुरुआत की थी।

राज्य सरकारों ने लगाया शराब पर स्पेशल कोरोना फीस

गौरतलब है की भारत में 25 मार्च 2020 से ही लॉकडाउन है। तब से देश में शराब की दुकानें बंद थी। इस सप्ताह ही शराब की दुकानों को खोलने की मंजूरी दी गई है। शराब खरीदने के लिए लोग घंटों लंबी लाइनों में लगे रहे। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के पालन के लिए पुलिस प्रशासन भी सख्त रहा। कई राज्यों में तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकारों ने शराब पर स्पेशल कोरोना फीस लगाने का भी एलान किया। दिल्ली सरकार शराब पर 70 फीसदी फीस लगा रही है। वहीं कई राज्यों में दुकानें खोलने के लिए समय निर्धारित किया गया।

होम डिलीवरी के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं

मौजूदा समय में शराब की होम डिलीवरी के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। लेकिन शराब इंडस्ट्री बॉडी इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) मांग कर रहा है कि शराब की सरकार होम डिलीवरी को मंजूरी दे। अगर सरकार इसके लिए मंजूरी देती है तो जोमैटो शराब की होम डिलीवरी कर सकेगी।

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एक मीडिया एजेंसी ने जोमैटो के सीईओ मोहित गुप्ता के हवाले से लिखा कि, 'अगर टेक्नोलॉजी की मदद से शराब की होम डिलीवरी की जाती है, तो शराब की खपत को बढ़ावा दिया जा सकता है।' जोमैटो ने कहा है कि वो उन्हीं जगहों पर यह सुविधा देगी जहां कोरोना वायरस का संक्रमण कम है।

एक्साइज ड्यूटी से 10-15 फीसद राजस्व आता है

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य को शराब पर एक्साइज ड्यूटी से 10-15 फीसद राजस्व आता है। राज्य के खुद के टैक्स रेवेन्यू श्रेणी में एक्साइज ड्यूटी दूसरे या तीसरे नंबर पर आती है, पहले नंबर पर वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी आता है।

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में 29 राज्य और दिल्ली और पुडुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों को शराब पर एक्साइज ड्यूटी से कुल 1,75,501 करो़ड़ रुपये का बजट बना था। यह पिछले साल 2018-19 की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा था।

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