JOB IN GERMANY: भारतीयों को जर्मनी में मिलेगी ट्रेन ड्राइवर की नौकरी , सैलरी होगी 36 लाख रूपए प्रतिमाह
JOB IN GERMANY: जर्मनी में भारतीयों के लिए लोको पायलट की नौकरी निकली है कैंडिडेट्स इस जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं
JOB IN GERMANY: जर्मनी को यूरोप का आर्थिक इंजन कहा जाता है। यूरोप ऑटोमोबाइल, मैन्युफेक्चरिंग, फार्मा समेत कई सारी इंडस्ट्री के लिए जाना जाता है। इन दिनों जर्मनी में वर्कर्स की काफ़ी कमी देखने को मिल रही है. डॉयचे बान को दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे कंपनी के तौर पर जाना जाता है। इसके चलते जर्मनी की सरकार ने घोषणा की है कि वह भारतीयों के लिए जल्द ही 90 हजार वीजा देने जा रही है। इसके अतिरिक्त हजारों भारतीय ऐसे हैं जिन्हें जर्मनी में कार्य करने का मौका दिया जाएगा ।
DB रेलवे कंपनी देती है कई क्षेत्रों में कार्य करने का अवसर
जर्मनी द्वारा हाल ही में लोको पायलट की वैकेंसी जारी की गयी है. ऐसे में जर्मनी ने भारतीय लोको पायलट को वहां जाकर कार्य करने का इनविटेशन दिया.। जर्मनी की रेल कंपनी 'को बान' (DB) अब भारत से ट्रेन ड्राइवरों की नियुक्ति कर रही है। DB भारतीय ट्रेन ड्राइवरों को जर्मनी के साथ-साथ दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित हो रहे प्रोजेक्ट्स पर काम करने का अवसर देगी।
डॉयचे बान रेलवे कंपनी देती है ये सर्विसेज
भारतीय ट्रेन ड्राइवर जर्मन सरकार के स्वामित्व वाली डॉयचे बान रेलवे कंपनी का लक्ष्य भारतीय बाजार में अपनी पकड़ को बनाये रखना है । वह भारत में मेट्रो सेवाओं के लिए अपनी कॉन्सल्टेंसी, ऑपरेशन और रखरखाव सेवाएं देना चाहती है। इकोनॉमिक्स टाइम्स से बात करते हुए DB इंटरनेशनल ऑपरेशंस (DB IO) के CEO निको वारबैनॉफ ने बताया, "जर्मनी में ट्रेन ड्राइवरों की कमी है और हम अपने ग्लोबल प्रोजेक्ट्स के लिए भारतीय कर्मचारियों की विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहते हैं।
भारत में क्या कर रही है डॉयचे बान?
दरअसल, दिल्ली से मेरठ के बीच देश की पहली रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सर्विस (RRTS) चलाई जा रही है। इस रेल सर्विस को संचालित करने की पूर्ण जिम्मेदारी जर्मनी कंपनी डॉयचे बान को प्रदान की गई है। DB ने RRTS को संचालित करने के लिए एक वर्ष पूरा कर लिया है. ये जर्मन कंपनी RRTS का ऑपरेशन और मैनटेनेंस का कार्य संभालती है। 600 कर्मचारियों के जरिए 42 किलोमीटर की सीमा के अंतर्गत में RRTS का संचालन किया जा रहा है।