Study Tips in Hindi: पढ़ाई में मन न लगने के 9 प्रमुख कारण
Study Tips in Hindi: ऐसी समस्याओं से अक्सर ऐसे छात्र ग्रसित होते हैं जो किसी कंपटीशन की तैयारी करते हैं
Study Tips in Hindi: पढ़ाई में मन न लगना लगभग प्रत्येक व्यक्ति का यह एक कॉमन समस्या है। ऐसी समस्याओं से अक्सर ऐसे छात्र ग्रसित होते हैं जो किसी कंपटीशन की तैयारी करते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि जिस परीक्षा की तैयारी हम सालों से कर रहे होते हैं नजदीक आने पर समझ में हीं आता कि क्या पढ़े और इसी टेंशन में समय निकल जाता है। और आप के हांथ सिर्फ निराशा ही लगती है। कुछ सावधानियों को ध्यान मे रख कर इन सभी समस्याओं से बच सकके हैं। आइए ऐसे ही कुछ प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करें।
1-सोशल मीडिया- डिजिटल के समय में आज प्रत्येक व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है। पढ़ाई के समय इसे पास में रख लेते हैं। जो ध्यान भटकाने के लिए काफी है। जब आप पढ़ाई करना शुरू करते हैं किसी का एक मैसेज या कॉल आपके एकाग्रता को भांग कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि जब आप पढ़ाई करने जाएं तो ऐसे किसी भी गैजेट को अपने पास न रखें जो पढ़ाई में डिस्ट्रेक्शन पैदा करें।
2-टाइम टेबल-किसी भी कार्य को करने के लिए एक सुनियोजित तरीका जरूरी होता है। इसी तरह पढ़ाई करने के लिए एक टाइम टेबल होना जरूरी है। टाइम टेबल सेट करें जिसमें यह सुनिश्चित करें कि कौन सा विषय किस समय पढ़ना है। उसके अनुसार अपने कार्य का अनुसरण करें। कोई भी विषय बीच से न पढ़ें। बीच से पढ़ने में ना तो समझ में आता है और ना ही एकाग्र बन पाएगी। किताबों को बीच में ना छोड़े जहां से पढ़ना शुरू करें एक क्रम से उसे खत्म करें। पढ़ाई नियमित रूप से होना चाहिए ।
3-तनाव-तनाव की स्थिति में मन एकाग्र नहीं हो पाता है, तो इस बात का ध्यान रखें जब भी आप पढ़ाई करने जाएं दिमाग को फ्री रखें किसी भी प्रकार का तनाव न लें। बस आपका मेन फोकस किताब पर होनी चाहिए।
4-पारिवारिक वातावरण-पारिवारिक वातावरण भी आपके डिस्ट्रेक्शन का प्रमुख कारण हो सकता है। घर में अधिक लोग हैं या घर में अधिक लड़ाई होती है तो उस स्थिति में तनाव उत्पन्न होगा और पढ़ाई में मन लगेता। इसलिए जब पढ़ाई करें कोसिस करें कि शांति हो।
5-विषय में रूचि ना होना- जिस विषय में हमारी रुचि नहीं होती है उसको पढ़ने से नींद आती है। या फिर समझ में नहीं आता है। डिस्ट्रेक्शन होता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि कोचिंग करें या ऐसे किसी व्यक्ति के पास जाएं जो आपको इस विषय के बारे में अच्छे से समझा पाए।
6-मित्रता-दिमाग फ्री व स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आपके पास हम उम्र और सामान क्षेत्र में कार्य करने वाले दोस्त हों।
7-मोटिवेशन-कभी-कभी निराशा का अनुभूति होती है। और लगता है कि आगे कुछ नहीं हो सकता इसके लिए जरूरी है कि किसी अच्छे मोटिवेशन स्पीकर को सुनें और खुद को मोटिवेट रखें।
8-लक्ष्य- जबतक लक्ष्य तय नही होगा तबतक आप को समझ मे ही नही आएगा कि करना क्या है। और आप लक्ष्य से भटक जाएंगे। एकाग्रता के लिए मजबूत लक्ष्य का होना जरूरी है।
9-अधिक किताबें-जब हम तैयारी शुरू करते हैं तो अधिक किताबें एक साथ खरीद लेते हैं। और पढ़ते समय सभी किताबों को साथ रख लेते हैं। और हम निश्चित नहीं कर पाते हैं कि क्या पढ़ें और क्या नही। इसी उहापोह में समय व्यतीत हो जाता है। "अधिक किताबें और अधिक दोस्त" दोनो आप के लिए हानिकारक हो सकते हैं