चला चाबुक, HC ने कहा- परिसर में बनीं मस्जिद अवैध, 3 महीने में गिराओ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिसर के भीतर बनी मस्जिद को अवैध माना है। कोर्ट ने 3 महीने में मस्जिद को गिराकर कब्जा वापस देने का निर्देश दिया है।

Update: 2017-11-08 10:53 GMT

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिसर के भीतर बनीं मस्जिद को अवैध माना है। कोर्ट ने 3 महीने में मस्जिद को गिराकर कब्जा वापस देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महानिबंधक से कहा कि तय समय के अंदर अगर जमीन पर हाईकोर्ट को कब्जा न सौंपा गया, तो पुलिस बल प्रयोग करें। यह आदेश चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस एम के गुप्ता की खंडपीठ ने बुधवार को दिया है। वकील अभिषेक शुक्ल ने अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी।

कोर्ट ने मस्जिद की प्रबन्ध समिति सहित अन्य पक्षकारों को दूसरी जगह मस्जिद निर्माण के लिए डीएम को अर्जी देने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने इस अर्जी पर आठ हफ्ते में डीएम को निर्णय लेने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में हाईकोर्ट की जमीन पर पूजा या नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट की जमीन पर अवैध कब्जे से परेशानी हो रही है।

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कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से मस्जिद बनाई गई है। यहां जगह की कमी है। जजों के बैठने की जगह तक नहीं है। एक ही चैंबर में दो जज बैठने को मजबूर हैं। जगह की कमी के कारण जजों को चैंबर में ही कोर्ट चलाना पड़ रहा है। हाईकोर्ट दस्तावेजों को रखने की समस्या से भी जूझ रहा है।

बता दें, कि मामले की सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठा था कि हाईकोर्ट के 11 मंजिल कार्यालय भवन के चारों तरफ 11 मीटर जगह खाली रखी जानी है। ताकि अग्निशमन वाहन के परिचालन में कोई दिक्कत न आए। इलाहाबाद जिला प्रशासन और हाईकोर्ट प्रशासन ने भी अतिक्रमण हटाने की रिपोर्ट कोर्ट को दी थी। इसके साथ ही विशेषज्ञ टीम ने भी सर्वे कर भवन के चारों तरफ 11 मीटर जमीन खाली रखने की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में मस्जिद हटाने की भी संस्तुति की गई थी।

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