लखनऊ: अयोध्या सद्भावना समन्वय महा समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने दावा किया है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर का समर्थन करने वाले अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के पूर्व कार्यकारी सदस्य मौलाना सलमान हसन नदवी ने अयोध्या में ही एक और मस्जिद बनाने के लिए जमीन, पैसा और राज्यसभा सांसद का पद मांगा था। मिश्रा ने मीडिया को बताया, इस मांग के बाद वह 5 फरवरी को मौलाना नदवी से मिले थे और बाबरी मस्जिद, राम जन्मभूमि के मुद्दे पर बातचीत की थी।
अमरनाथ मिश्रा ने इसी संबंध में मौलाना सलमान हसनी नदवी के खिलाफ लखनऊ के हसनगंज कोतवाली में तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि मौलाना ने मंदिर के पक्ष में बात करने के एवज़ में नकदी और राज्यसभा भेजे जाने की मांग की थी। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने मामले को जांच शुरू कर दी है।
अमरनाथ मिश्रा ने दावा किया, कि 'मैं 5 फरवरी को नदवी से मिला था। इस दौरान हमने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि के मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने मुझसे कहा था, कि इस मुद्दे पर एक लिखित प्रस्ताव दिया जाए। जिस पर मैंने ऐसा ही किया, जो सभी को भेजा गया। वह अयोध्या में मक्का जैसी मस्जिद बनाना चाहते थे। इसके लिए वह 200 एकड़ जमीन, राज्यसभा सदस्यता और 1,000 करोड़ रुपए चाहते थे।'
नदवी का पलटवार
अमरनाथ मिश्रा के इस बोल को नदवी ने खारिज किया। उन्होंने आरोप लगाया, कि 'मिश्रा इस तरह के मुद्दे उठाकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव बरकरार रखना चाहते हैं। इस तरह के लोग नहीं चाहते कि अयोध्या में राम मंदिर या मस्जिद बने। वह शैतान हैं। उनका एक मात्र काम ईश्वर के कार्य में तनाव पैदा करना है। वह इस बात से भयभीत हैं कि हिंदू-मुस्लिम एकजुट हो जाएंगे। वह जानते हैं कि मैं अकेला ऐसा शख्स हूं जो यह मुद्दा उठा रहा हूं।'