मायावती बोलीं-जनता को बरगला रहे हैं PM, बैंकों के बाहर हुई मौतों पर मुआवजा दे केंद्र
बसपा प्रमुख ने याद दिलाया कि तमिलनाडु की सीएम जयललिता के निधन के घटनाक्रम में मरने वालों के परिजनों को वहां की सरकार 600 लोगों को तीन-तीन लाख रूपये दे रही है। पीएम मोदी इसकी परवाह करने के बजाय लोगों से और कुर्बानी देते रहने की मांग करते रहे।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने पीएम नरेन्द्र मोदी पर देश की जनता को बरगलाने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि उनकी गलत नीतियों के कारण सीमा पर जवान और नोटबंदी से बैंकों व एटीएम की लम्बी कतारों में खड़े लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं। बसपा प्रमुख ने कहा कि इस पर भी केंद्र सरकार ने ना ही संसद में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने दी, और ना ही उन्हें कोई अनुग्रह राशि देने को तैयार है।
नोटबंदी के मृतकों को मिले मुआवजा
-मायावती ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार इन्हें तीन-तीन लाख रुपए की अनुग्रह राशि क्यों नहीं दे सकती?
-बसपा प्रमुख ने याद दिलाया कि तमिलनाडु की सीएम जयललिता के निधन के घटनाक्रम में मरने वाले 600 लोगों के परिजनों को वहां की सरकार तीन-तीन लाख रूपये दे रही है।
-बसपा मुखिया ने कहा कि पीएम मोदी इसकी परवाह करने के बजाय लोगों से और कुर्बानी देते रहने की मांग करते रहे।
-उन्होंने सवाल किया कि यह अनुचित और अन्यायपूर्ण व्यवहार नहीं तो और क्या है?
पीएम पर हमला
-बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भाजपा की कानपुर रैली में फिर भाड़े की भीड़ इकट्ठा की गयी।
-मायावती ने कहा कि भीड़ को संबोधित करते हुये पीएम मोदी ने पुरानी और घिसीपिटी बातें ही कहीं।
-उन्होंने कहा कि नोटबन्दी की समस्या से राहत के बारे में पीएम ने कोई आश्वासन नहीं दिया।
-मायावती ने कहा कि नोटबन्दी के मामले में लोगों का ध्यान बांटने के लिये लॉटरी के ड्रा निकालने की योजना से लोगों को क्या राहत मिलने वाली है।
-जबकि देश की लगभग 90 प्रतिशत जनता अपना पैसा ही निकालकर उसे इस्तेमाल करने के अधिकार से वंचित है।
-पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें अपने ढाई वर्ष के शासनकाल में कभी सपा सरकार का गुण्डाराज नज़र नहीं आया, लेकिन अब चुनाव नजदीक आते ही यह दिख रहा है।
-मायावती ने कहा कि इनकी इस प्रकार की दोगली नीति व सोच और सपा के साथ चल रही अन्दरूनी मिली-भगत से जनता को सावधान रहने की जरूरत है।
सत्ता पक्ष ने नहीं चलने दी संसद
-बसपा सुप्रीमो ने कहा कि नोटबन्दी के मुद्दे पर संसद में चर्चा से विपक्ष नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के लोग ही भागते रहे।
-क्योंकि ये लोग जवाब देने की हिम्मत संसद में नहीं जुटा पा रहे थे। खुद भाजपा सांसद सुचारू संचालन में बाधा डालते रहे।
-प्रधानमंत्री ना तो संसद में आते थे और ना ही चर्चा में भाग लेते थे।
-दूसरी तरफ, वह संसद के बाहर रैलियों में गलत व भड़काऊ बयान देकर जनता को गुमराह करते रहे और संसद का अपमान करते रहे।