Chardham Devasthanam Board: देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने से तीर्थ पुरोहितों में गुस्सा, केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को रोका

र्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का केदारनाथ पहुंचने पर तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया। यहां ध्यान देने की जरूरत है कि पूर्व मुख्यमंत्री के विरोध की टाइमिंग। पुरोहितों का यह विरोध प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक पहले हुआ है।

Written By :  aman
Update:2021-11-01 16:15 IST

Chardham Devasthanam Board: देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम देवस्थानम बोर्ड (chardham devasthanam board) भंग नहीं होने से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में खासा रोष व्याप्त है। जिसका नजारा सोमवार (01 नवंबर, 2021) को तब देखने को मिला जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का केदारनाथ पहुंचने पर तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया। यहां ध्यान देने की जरूरत है कि पूर्व मुख्यमंत्री के विरोध की टाइमिंग। तीर्थ पुरोहितों का यह विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के ठीक पहले हुआ है। बता दें, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ दौरे पर आने वाले हैं।

बता दें, कि नाराज तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को केदारनाथ पहुंचे त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान तीर्थ पुरोहित और हक-हकूक धारियों ने जमकर नारेबाजी की। त्रिवेंद्र रावत को विरोध का भी सामना करना पड़ा। जिसके बाद बिना दर्शन किए ही त्रिवेंद्र सिंह रावत गेस्ट हाउस चले गए। इस संबंध में तीर्थ पुरोहितों का कहना है, कि त्रिवेंद्र रावत सरकार ने ही देवस्थानम बोर्ड (chardham devasthanam board) को लाया है। एक खास बात यह रही, कि आज ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी केदारनाथ धाम पहुंचे थे, उन्हें भी तीर्थ पुरोहितों के विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था। हालांकि, वो दोनों केदारनाथ धाम के दर्शन में सफल रहे।

गंगोत्री-यमुनोत्री बंद रखा

दूसरी तरफ, उत्तराखंड सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड (chardham devasthanam board) तथा एक्ट वापस नहीं होने पर नाराज तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री बंद रखने का फैसला लिया। विरोध स्वरूप आज गंगोत्री बाजार बंद है। केदारनाथ धाम में भी पूजा सामग्री सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बताया जा रहा है कि तीर्थ पुरोहितों ने नारेबाजी के साथ रैली भी निकाली।

यमुनोत्री में भी बाजार बंद रहे

हालांकि, गंगोत्री धाम में पूजा-पाठ और दर्शन रोजाना की तरह ही हो रहे हैं। केवल भागीरथी घाट पर पूजा संपन्न कराने वाले पुरोहितों ने विरोध स्वरूप पूजा बंद कर दी है। पूजा-प्रसाद की दुकानें बंद होने से दर्शन को आए तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देवस्थानम बोर्ड (chardham devasthanam board) के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर गंगोत्री बंद की सूचना पर यमुनोत्री में भी बाजार बंद रहे। धाम स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए। हालांकि, पूजा-पाठ और दर्शन जारी है।

देवस्थानम बोर्ड भंग का दिया था आश्वासन

बता दें, कि रविवार को श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति से जुड़े तीर्थ पुरोहितों एवं हक हकूक धारियों ने एक बैठक की थी। जिसमें देवस्थानम बोर्ड (chardham devasthanam board) व एक्ट के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस बैठक में वक्ताओं ने कहा था, कि 11 सितंबर को मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड भंग करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन, अब तक राज्य सरकार ने इस दिशा में केवल आश्वासन ही दिया है, कोई निर्णय नहीं लिया है। इसी बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री धाम में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने तथा भागीरथी घाट पर होने वाले पूजा-पाठ बंद रखने आदि का निर्णय लिया था।

3 नवंबर को होगा केदारनाथ कूच

देवस्थानम बोर्ड (chardham devasthanam board) को भंग करने की मांग दिनों दिन तेज होती जा रही है। इसी को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित आदि महा पंचायत समिति ने सभी तीर्थ पुरोहित व हक-हकूक धारियों से आगामी तीन नवंबर को केदारनाथ कूच का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर मांग को अनसुना करने का भी आरोप लगाया है।

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