लखनऊ: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव मैराथन बैठक के बाद छोटे भाई शिवपाल यादव को मनाने में काफी हद तक कामयाब होते दिख रहे हैं। मुलायम से मुलाकात के बाद बाहर आए शिवपाल यादव ने इस्तीफे की अटकलों से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ''मैं मंत्री हूं और रहूंगा। संगठन में जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे भी निभाऊंगा।''
यूपी में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी का पारिवारिक संघर्ष दिल्ली शिफ्ट हो गया। कई अहम विभाग छीने जाने से नाराज शिवपाल सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली बुलाया। घंटों बैठक चली। एक बार शिवपाल यादव बाहर आए, लेकिन वो दोबारा अंदर चले गए। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कारोबारी और राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा भी शामिल हुए।
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इससे पहले शिवपाल सिंह यादव चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली रवाना हो गए थे। वहां उन्होंने अपने बड़े भाई और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को अपनी व्यथा सुनाई। मुलायम सिंह यादव के पास सोमवार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए गायत्री प्रसाद प्रजापति और पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल भी पहुंचे थे।
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सपा में पारिवारिक संघर्ष को खत्म करने के लिए क्या कर सकते हैं मुलायम
सपा में मचे पारिवारिक संघर्ष को खत्म करने के लिए मुलायम सिंह संतुलित तरीका अपनाएंगे जिससे छोटे भाई और बेटे दोनों को खुश किया जा सके। साथ ही पार्टी में चाचा और भतीजे के बीच मतभेद को भी कम किया जा सके। मुलायम ने शिवपाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर खुश कर दिया है। अब वह शिवपाल से विभाग वापस करने के लिए कह सकते हैं। इससे शिवपाल के हाथ में पार्टी की पूरी कमान आ जाएगी और अखिलेश सरकार चलाएंगे।