जल्द आएगी प्रदेश में नई औद्योगिक और निवेश नीति, मुख्यमंत्री ने दिए सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं और कार्य विस्तार को प्राथमिकता पर निपटाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर बनाने और बीमार उद्योगों को फिर चालू करने पर फैसला लेने की बात भी कही।

Update:2017-04-07 01:55 IST

लखनऊ: निवेशकों को आकर्षित करने और नए उद्योग लगाने के लिए प्रदेश में जल्द ही नई औद्योगिक निवेश नीति लाई जाएगी। इसका ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को किया। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं और कार्य विस्तार को प्राथमिकता पर निपटाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर बनाने और बीमार उद्योगों को फिर चालू करने पर फैसला लेने की बात भी कही।

उद्योग और निवेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण उनकी सहमति से किया जाए, ताकि बाद में बाधा न आए।

उन्होंने नियम-प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने, जल्द क्लीयरेन्स देने और ऑनलाइन फाइलिंग के साथ प्रोजेक्ट को समयबद्ध मंजूरी देने की बात कही।

मुख्यमंत्री गुरुवार को शास्त्री भवन में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के मौके पर अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की लागत न बढ़े, इसलिए समय पर काम पूरे किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से जिला स्तर तक उद्योग बन्धु को क्रियाशील बनाने को भी कहा।

ट्रांसपोर्टेशन पर जोर

पिछड़े क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करने के साथ बुनियादी सुविधाएं देने और राजमार्गों-एक्सप्रेस-वे के विस्तारीकरण करने पर जोर दिया।

उन्होंने आगरा और गौतमबुद्धनगर में हवाई अड्डे की स्थापना पर जल्द निर्णय लेने को भी कहा।

योगी ने अमृतसर-कोलकाता इण्ड्रस्टियल कॉरीडोर तथा दिल्ली-मुम्बई इण्ड्रस्टियल कॉरीडोर का का्म जल्द पूरा करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास लि. नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की प्रमुख परियोजनाओं, ट्रांस गंगा सिटी उन्नाव, सरस्वती हाईटेक सिटी इलाहाबाद, थीम पार्क आगरा, मेगा फूड पार्क बहेड़ी की कठिनाइयों को जल्द दूर करने को कहा।

उन्होंने गोरखपुर, जौनपुर और लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ पिकप, यूपीएफसी को प्रभावी बनाने की बात भी कही।

मुख्यमंत्री ने स्टेट स्पिनिंग कम्पनी, वस्त्र निगम, स्टेट यार्न कम्पनी, सहकारी कताई मिल्स को फिर से चालू करने पर विचार करने को कहा।

इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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