देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। केंद्र सरकार ने शनिवार की रात कैबिनेट की बैठक के बाद राष्ट्रपति से इसके लिए सिफारिश की थी। वहीं, कांग्रेस ने उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है। पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह याचिका दायर कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का विरोध किया है।
इससे पहले केंद्र सरकार का कहना था कि उत्तराखंड में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा गई थी और विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही थी जिसे देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया था।
प्रेसिडेंट रूल लगने से पहले क्या कहा था रावत ने?
प्रेसिडेंट रूल लगने से पहले पहले सीएम हरीश रावत ने मीडिया से कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस के बागी विधायकों को खरीदा और उन्हें दिल्ली, जयपुर और गुड़गांव की सैर कराई। बीजेपी लगातार सरकार को प्रेसिडेंट रूल की धमकी दे रही है। वो इस धमकी की निंदा करते हैं। बीजेपी की इस हरकत को अब वो जनता के सामने रखेंगे।
राज्य का भाग्य बागी और कथित स्टिंग आपरेशन तय करेंगे या जनता, अब ये देखना है। बीजेपी बताए कि बागी नेता विजय बहुगुणा और विजय वर्गीय के बीच नई दोस्ती नया प्यार क्यों है और कैसे हुआ।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने क्या कहा
-धारा 356 के प्रयोग का इससे बेहतर कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता है।
-पिछले नौ दिन से हर दिन संविधान के प्रावधानों की हत्या हो रही थी।
-केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्य में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा चुकी थी।
-जेटली ने कहा कि संविधान में लिखा है कि जब बजट फेल होता है तो इस्तीफ़ा देना होता है।
-स्वतंत्र भारत में पहला उदाहरण है जब एक एक फेल्ड बिल को बिना वोट लिए पारित होने की घोषणा कर दी गई।
-18 तारीख के बाद से जो सरकार चली है वो असंवैधानिक है।