दिल्ली: विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं की आज शाम को बैठक होनी है। विपक्षी दल की बैठक से पहले यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
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ये है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में आज शाम को विपक्षी नेताओं की बैठक होनी है। इस बैठक में विपक्ष में शामिल प्रमुख दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है। माना जा रहा है कि मॉनसूत्र सत्र में विपक्षी एकता के जरिए सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।
वहीं इससे पहले सोनिया गांधी के घर पर भी एक बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में मॉनसून सत्र के ऐजेंडे पर नेता विचार-विमर्श करेंगे। इसके अलावा इस बैठक में राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष पद के चुनाव पर भी मंथन होगा।
बता दे कि पीजे कुरियन के उपाध्यक्ष पद से एक जुलाई को सेवानिवृत्त होने के बाद वे राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्षी दल मॉनसून सत्र के एजेंडे पर मंथन करेंगे।
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मॉनसून सत्र के दौरान चुनाव के आसार
माना जा रहा है कि सरकार मॉनसून सत्र के दौरान ही चुनाव करवा सकती है। हालांकि, सत्ताधारी बीजेपी ने इस मसले पर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
संविधान में राज्यसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई निश्चत समय सीमा का जिक्र नहीं है और परंपरा के अनुसार राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष का चुनाव मौजूदा उपाध्यक्ष के सेवानिवृत्त होने के कुछ महीने बाद होता रहा है।
विपक्ष चुनाव के पक्ष में दिख रहा है हालांकि बहुत कुछ तेलंगाना राष्ट्रीय समिति, अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के रुख पर निर्भर करेगा।
इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीद को समर्थन दे सकती है। हालांकि किसी पार्टी ने नहीं कहा है कि वह अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। कयास यह लगाया जा रहा है कि टीएमसी या एनसीपी से विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार किसी को बनाया जा सकता है।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी
विपक्ष मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति भी इस बैठक में बनाने की संभावना है, माना जा रहा है कि विपक्ष सत्र में मॉब लिंचिंग, बैंक धोखाधड़ी, किसानों की दशा और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मसलों को लेकर सरकार को घेर सकती है।